बिशाला-नांद गांव की सड़क की रपट पर 20 जुलाई 2017 को चार फीट पानी बह रहा था। यहां सिणधरी क्षेत्र के एक ही परिवार के 23 सदस्य एक जीप ट्रोले में नांद जा रहे थे। बहाव में जीप पलट गई और लोग पानी में बह गए। इन लोगों को सेना, पुलिस और ग्रामीणों ने रातभर के रेस्क्यू से बड़ी मुश्किल से बाहर निकाला। तीन लोगों की बहने से जान चली गई। इतने बड़े हादसे के बाद प्रशासन ने दावा किया था कि यहां सुरक्षा के प्रबंध किए जाएंगे लेकिन एेसा कुछ नहीं हुआ।
प्रशासन की लापरवाही
इस नाले को हलके में नहीं लिया जा सकता। यहां पर छोटे हादसे तो होते रहते है लेकिन एक साल पहले इस रपट पर बारिश के दौरान बड़ा हादसा हो गया। उसमें तीन लोगों की मौत हो गई। 20 लोगों को मौत के मुंह से बचाया गया। उस समय तो प्रशासन ने तत्परता दिखाई, लेकिन बाद में यहां कोई सावधानी का साइन बोर्ड तक प्रशासन ने नहीं लगाया।- भाखरसिंह, ग्रामीण
इस नाले को हलके में नहीं लिया जा सकता। यहां पर छोटे हादसे तो होते रहते है लेकिन एक साल पहले इस रपट पर बारिश के दौरान बड़ा हादसा हो गया। उसमें तीन लोगों की मौत हो गई। 20 लोगों को मौत के मुंह से बचाया गया। उस समय तो प्रशासन ने तत्परता दिखाई, लेकिन बाद में यहां कोई सावधानी का साइन बोर्ड तक प्रशासन ने नहीं लगाया।- भाखरसिंह, ग्रामीण
समय रहते उपाय करें प्रशासन बारिश से पहले कुछ यहां पर व्यवस्था करे नहीं तो बारिश के चलते बिशाला-नांद का सम्पर्क टूट जाएगा। भगवान न करे कोई हादसा होता है तो मौके पर पहुंचना भी मुश्किल हो जाएगा। इस नाले को हलके में नहीं लिया जा सकता। यहां पर छोटे हादसे तो होते रहते है लेकिन एक साल पहले इस रपट पर बारिश के दौरान बड़ा हादसा हो गया। उसमें तीन लोगों की मौत हो गई। 20 लोगों को मौत के मुंह से बचाया गया।
– दलपत सिंह, ग्रामीण