शिव 379 4309 296780 सिवाना 74 2448 55969
पचपदरा 159 1284 97486 कुल 847 10333 648734 एेसे पड़ा बाड़मेर नाम बाड़मेर की पहली बसावट जिसे पुराना बाड़मेर कहते हैं वह जूना पतरासर था। वहां के शासक बाहडऱाव ने 13 वीं सदी मे इसकी स्थापना की थी। राव भीमा ने 1606 में नया बाड़मेर बसाया। बाड़मेर जिले का नाम बाहडऱाव के नाम से बाड़मेर रखा गया।
नगरपरिषद-02 पंचायत समितियां-17
तहसील- 14 उपखण्ड- 11
आबादी- 26 लाख 3051 अकाल और जीवटता सीमावर्ती जिले ने अकाल को जीया है। दस साल में सात अकाल सहने वाले इस जिले में दुर्भिक्ष किसानों और पशुपालकों के लिए बड़ी परीक्षा रही है। लोगों ने अकाल में पेड़ों की छाल खाकर गुजारा किया है तो पलायन व पशुधन की हानि को खूब सहा है। बावजूद इसके आज जिले में 55 लाख पशुधन है जो हमारी आबादी का लगभग दुगुना है। यह दर्शाता है किस जीवटता से इस क्षेत्र के लोगों ने पशुधन को बचाया है।
– कोयला आधारित परियोजनाओं ने जिले को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया है। 1080 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहा क्षेत्र सात जिलों की बिजली की खपत को पूरा करता है।
– 55 लाख के करीब जिले में पशुधन है।
– 6060 मेगावाट के लगेंगी पावर प्रोजेक्ट इकाइयां – 189 लाख से बन रहा है मेडिकल कॉलेज
– 9000 अरब का रेअर अर्थ का खजाना खोजा जाएगा सिवाना में
– जैसलमेर-बाड़मेर- गुजरात बिछेगी रेलवे लाइन – बाखासर में सूखा बंदरगाह का प्रोजेक्ट
– 2030 तक खोदे जाएंगे जिले में 250 तेल कुएं
अब बालोतरा को जिला बनाने की है बड़ी मांग बाड़मेर जिले के गठन के बाद 1980 के दौर में बालोतरा को जिला बनाने की मांग उठी। इसके बाद हर चुनाव में बालोतरा को जिला बनाने की बात हुई है। बालोतरा को जिला बनाते ही बाड़मेर दो हिस्सों में बंट जाएगा। सिवाना, पचपदरा, बायतु का कुछ हिस्सा व सिणधरी तहसील का कुछ हिस्सा बालोतरा में सम्मिलित होगा। राज्य सरकार ने पिछले दिनों इसको लेकर संकेत दिया था लेकिन बाद में बात फिर ठंडे बस्ते में चली गई।