barmer: बेरियों के जीर्णोद्धार से साकार हुआ जल संरक्षण का सपना
सीमावर्ती क्षेत्र में बेरियों के जीर्णोद्धार कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे कलक्टरबेरी पर पानी पीने कलक्टर का देसी अंदाज लोगों को भाया
barmer: बेरियों के जीर्णोद्धार से साकार हुआ जल संरक्षण का सपना
बाड़मेर . सरहदी इलाकों में बेरियों के जीर्णाेद्धार से शुरू हुई मीठे पानी की आवक के बाद ग्रामीण बेहद खुश नजर आ रहे हैं। रामसर के सोनिया चैनल में निरीक्षण के लिए जिला कलक्टर पहुंचे। इस दौरान जिला कलक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने बेरियों से निकले पानी से प्यास बुझाई।
सीमावर्ती क्षेत्र के रामसर का पार, सज्जन का पार, बबूगुलेरिया समेत अन्य गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत करीब 1700 बेरियों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके तहत मनरेगा से बेरियों की गाद निकालने के अलावा उसके चारों ओर पक्का स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। इससे आने वाले समय में बेरियों में रेत गिरने की समस्या कम होगी। बेरियों की गहराई तक पक्का बनाया गया है। रामसर का पार में स्थित 30 से अधिक बेरियों का जीर्णोद्धार चल रहा है। अधिकांश सरहदी गांवों में भूमिगत पानी खारा है।
परम्परागत साधनों से होती है घरों में आपूर्ति
रामसर एवं सज्जन का पार की महिलाओं ने बताया कि इन बेरियों से एक घंटे में करीब 50 से अधिक महिलाएं पानी भरकर ले जाती हैं। इसके अलावा ग्रामीण घड़ों तथा अपने परंपरागत साधनों से पानी लेकर जाते हैं। बारिश होने के बाद बेरियों जल स्तर बढ़ जाएगा। इसके बाद पूरे वर्ष तक ग्रामीण इसी पानी का उपयोग करते हैं।
पत्रिका ने चलाया था अभियान
सरहदी क्षेत्र में बेरियों की बदहाली को लेकर राजस्थान पत्रिका ने लगातार समाचार प्रकाशित कर बेरियों के जीर्णोद्धार को लेकर अभियान चलाया था। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों से बात करने पर उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने राज्य सरकार की ओर से बेरियों के जीर्णोद्धार का वादा किया। चौधरी ने कहा था कि बेरियां वाटर हर्वेस्टिंग का बेहतर उदाहरण है, इससे आमजन को लाभ मिलेगा।
जनहित में बनाई थी बेरियां
बेरियों के जीर्णाेद्धार का जायजा लेने के लिए जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता सज्जन का पार पहुंचे तो वहां खड़े ग्रामीण ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि यहां कई लोगों ने जन हितार्थ बेरियों का निर्माण करवाया था।