मजबूत है थार के लोग
जितेन्द्र का मानना है कि थार के लोग विपरित परिस्थितियों में जीते हैं। इनके जीवन में संघर्ष और मेहनत बहुत ज्यादा है। इसी कारण थार के लोगों का खेलों में भविष्य उज्ज्वल है। अनुशासन के साथ खेल प्रशिक्षण दिया जाए तो यहां की प्रतिभाएं काफी आगे बढ़ सकती है।
जितेन्द्रसिंह के परिवार में खुशी का माहौल है। मां नजरकंवर और पिता पहाड़सिंह सहित पूरा परिवार उनके आने के इंतजार में है। गांव में उत्साह का माहौल है कि देश में गांव का नाम रोशनकर जितेन्द्र लौट रहा है। जितेन्द्र के पिता पहाड़सिंह बताते है कि घर में जितेन्द्र के आने की खुशी है। इस बार एक साल बाद आ रहा है और देश का नाम रोशन करके तो खुशी है। जितेन्द्र चार भाइयों में दूसरे नंबर पर है। बड़े भाई मनोहरसिंह दुबई में घुड़सवारी करते है। दो छोटे भाइयों में एक होमगार्ड और एक आर्मी में नर्सिंग सर्विस में है।