बहुत जरूरी है बस स्टैण्ड- जसोल में वस्त्र उद्योग व माता राणी भटियाणी मंदिर होने पर एक दशक में तेजी से इसका विकास हुआ है। प्रसिद्ध जैन तीर्थ नाकोड़ा, माता राणी भटियाणी मंदिर दर्शन के लिए रोडवेज की बसें संचालित होती हैं। जोधपुर, पाली, जालोर, जैसलमेर आदि कई स्थानों से निजी बसें व बालोतरा-जसोल-नाकोड़ा-मेवानगर- तिलवाड़ा के लिए करीब एक सौ से अधिक टैक्सियां संचालित होती है। इस पर कस्बे में बस स्टैण्ड की सख्त जरूरत है।
वाहनों की आपाधापी में होते हादसे- कस्बे में मुख्य सड़क के किनारे से बसें, टैक्सियां संचालित होती तो सैकड़ों वाहन खड़े रहते हैं। इससे आवागमन मुश्किल हो गया है। वाहनों की आपाधापी में हादसे होते हैं। हर दिन लोग परेशानी उठाते हैं। – धनराज माली
लोगों को हो रही परेशानी- बस स्टैण्ड की सख्त जरूरत है। शुक्ल पक्ष में मार्ग से गुजरना मुश्किल हो जाता है। चिकित्सालय के सामने टैक्सियां, बसें खड़ी रहने व संचालित होने से हर दिन हजारों परेशानी उठाते हैं। ग्राम पंचायत बस स्टैण्ड बनाएं। – ओमप्रकाश जैन