उन्होंने कहा कि टिड्डी नियंत्रण के लिए टिड्डी महकमा जिम्मेदार है। यह महकमा केन्द्र सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन आता है। प्रदेश में 90 प्रतिशत टिड्डी का पड़ाव सरकारी जमीन पर हुआ है। टिड्डी नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने पूरी कोशिश की।
टिड्डी नियंत्रण के लिए दवा मुहैया करवाई और किसानों के साथ रहे। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टरों का किसानों को अनुदान नहीं मिला, लेकिन ऐसी कोई सूची भी नहीं आई है। अगर सत्यापित सूची बनेगी तो उन्हें अनुदान मिलेगा।
समय पर गिरदावरी नहीं होने के विवाद पर कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान देना गलत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार तत्काल गिरदावरी कर अनुदान दिलाया है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर में फसल बीमा 2018 में क्लेम का समय आया तो देने की जगह पहले गलत बातें सामने रखी और बाद में गलत फैसले किए गए। क्लेम देने की जगह कंपनी ने केन्द्र सरकार के कृषि विभाग में अपील कर आधार सही नहीं बताया।
केन्द्र सरकार ने कंपनी के पक्ष में फैसला कर दिया। उसके बाद फिर राजस्थान सरकार ने अपील की। उसके बाद फैसला किसानों के पक्ष में नहीं हुआ। 731 करोड़ रुपए क्लेम था, अब 395 करोड़ रुपए हो गया। फसल बीमा क्लेम में राजस्थान के किसानों के अन्याय हुआ।