सिवाना थानान्तर्गत गांव आसोतरा में 1 अक्टूबर शाम को अज्ञात वाहन की टक्कर से नगसिंह पुत्र नरसिंग राजपुरोहित की मौत हो गई थी। इस पर राजपुरोहित समाज के लोगों ने अज्ञात वाहन पकडऩे की मांग को लेकर शव उठाने से इनकार किया।
सीओ राजेश माथुर ने समझाइश कर व उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। दूसरे दिन २ अक्टूबर को सिवाना थाने में मामला दर्ज कर व शव का पोस्टमार्टम करवा इसे परिजनों को सुपुर्द किया।
संदिग्ध अवस्था में मृत्यु पर जांच अधिकारी भंवरलाल सीरवी ने मामले के खुलासे को लेकर एएसआईशेराराम, हैड कांस्टेबल रामाराम, जेहाराम, कांस्टेबल गोपीकिशन, चन्द्रपालसिंह, रमेश राव, विजेन्द्र, उदयसिंह, गुमनाराम, तनसिंह की विशेष टीम गठित की।
टीम ने मामले में अनुसंधान करते हुए हत्या के आरोपित महेन्द्रसिंह पुत्र सोहनसिंह राजपुरोहित निवासी आसोतरा को नामजद कर अहमदाबाद से दस्तयाब किया। प्रांरभिक पूछताछ में आरोपित ने जुर्म स्वीकार किया। इस पर महेन्द्रसिंह को गिरफ्तार किया गया। हत्या में प्रयुक्त वाहन को बरामद करने व अन्य संलिप्त आरोपितों को नामजद करने को लेकर जांच की जारी है।
ये था हत्या का कारण
महेंद्रसिंह के अनुसार नगसिंह ने 22 अप्रेल को उसकी मां के साथ अमानवीय तरीके से मारपीट व घिनौनी हरकत की थी। इससे नाराज महेन्द्रसिंह ने नगसिंह की हत्या करने की साजिश रची। इसके लिए महेन्द्रसिंह ने ब्यावर से एक गाड़ी खरीद उसके आगे लोहे का गार्डर लगाया। नगसिंह के आसोतरा से जाने की रैकी कर टक्कर मार दी। घटना के बाद वाहन को पुन: ब्यावर में छोड़ आरोपित फरार हो गया।
महेंद्रसिंह के अनुसार नगसिंह ने 22 अप्रेल को उसकी मां के साथ अमानवीय तरीके से मारपीट व घिनौनी हरकत की थी। इससे नाराज महेन्द्रसिंह ने नगसिंह की हत्या करने की साजिश रची। इसके लिए महेन्द्रसिंह ने ब्यावर से एक गाड़ी खरीद उसके आगे लोहे का गार्डर लगाया। नगसिंह के आसोतरा से जाने की रैकी कर टक्कर मार दी। घटना के बाद वाहन को पुन: ब्यावर में छोड़ आरोपित फरार हो गया।