जसोल माता राणी भटियाणी ट्रस्ट के हरीशचंद्रसिंह ने बताया कि पूर्व सांसद गजसिंह तिलवाड़ा मेले में रविवार को पहुंचेंगे। उनके आतिथ्य में पशु प्रतियोगिताएं होगी। शनिवार को नर मादा ऊंट की सवारी, ऊंटनी की दूध, शृंगार, पशु दांत व नस्ल समेत कई प्रतियोगिताएं हुई। मेले में पशुपालन सामग्री, घरेलू सामग्री सहित अस्थायी होटल-रेस्टारेंट मनोरंजन की करीब 165 दुकानें लगी हुई हैं। श्री मल्लीनाथ पशु मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मतदाता जागरुकता कार्यक्रम के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी रामेश्वरी चौधरी ने 1100 दीप प्रज्वलित कर सभी मेलार्थियों को मतदान दिवस पर मतदान करने की अपील की।
मेले में रविवार को दिन में प्रजनन योग्य नर घोड़ा व मादा घोड़ी, बछेरा-बछेरी की विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। शाम को भोमाराम एंड पार्टी की ओर से मतदाता कार्यक्रम सहित स्वागत गीत (केसरिया बालम पधारो म्हारे देश), रामदेवजी के भजन, लोक भजन, राजस्थानी लोक नृत्य, मातारानी भटियानी के भजन, फायर, पर्दा, भवाई मटकी, करणी माता की चिर्जा, मयूर नृत्य की प्रस्तुती दी जाएगी। सारंगी वादन, मूमल, झेड़र, काछबों, कुर्जा और लोक नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे।
भामाशाह पृथ्वीराजसिंह कोळू ने दो साल पहले तिलवाड़ा मेले में एक नई पहल प्रारंभ की। उन्होंने पशुओं की प्रतियोगिताओं में चांदी पुरस्कार में देना प्रारंभ किया। पशु प्रतियोगिता में एक किलोग्राम, आधा किलोग्राम और 250 ग्राम चांदी विभिन्न प्रतियोगिताओं में मिलने से अब इस मेले में पशुपालक अपने पशुुओं को लाकर प्रतियोगिता जीतने में लगे हैं।
प्रथम को एक किलोग्राम, द्वितीय को 500 ग्राम और तृतीय को 250 ग्राम चांदी पुरस्कार में मिलेगी। कुल चार प्रतियोगिताओं के लिए 07 किलोग्राम चांदी के पुरस्कार मिलेंगे। स्वरूपसिंह उण्डू बताते हैै कि मेले में चांदी के पुरस्कार प्रारंभ करने के बाद पृथ्वीराजसिंह ने इसे निरंतर रखा है। इससे पशुपालकों में उत्साह बना रहता है कि इस बार चांदी का पुरस्कार कौन जीतेगा? इस बार भी प्रतियोगिताएं आयोजित होगी, जिसको लेकर उत्साह है।