इससे पहले रैली को संबोधित करते हुए मानवेन्द्र ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों में उनके पिता जसवंतसिंह का टिकट नहीं मिलने के बाद उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का कॉल आया था और उन्होंने कहा था कि मैं कुछ नहीं कर सकता। जयपुर के एक और दिल्ली के दो नेताओं ने यह सब किया है।
लोकसभा चुनाव के बाद हर स्तर पर मैने बताया कि किस तरह राजस्थान में गलत हो रहा है। हमें प्रताडऩा सहनी पड़ रही है, लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई। आज मेरा धैर्य समाप्त हो गया है। मैं आज खुलकर बोलूंगा।
संबोधन के अंत में मानवेन्द्र ने कहा कि कमल का फूल मेरी भूल। मानवेन्द्र की इस घोषणा के साथ ही पाण्डाल में मौजूद उनके हजारों समर्थकों ने नारे को गूंजायमान कर दिया। मानवेन्द्र ने आगे का निर्णय स्वाभिमान से जुड़े लोगों पर छोडऩे की बात तो कही, लेकिन पांडाल में बार-बार गूंज रहे कांग्रेस के नारे के साथ वे हर बार मुस्कराए और एक बार कांग्रेस का नाम आने पर सबके साथ खड़े होकर खुशी दर्शाई।
स्वाभिमान रैली: विधायक मानवेंद्र सिंह खुलकर बोले- धैर्य की सीमा खत्म हुई, कमल का फूल, मेरी भूल रकार को उखाड़ कर दम लेंगे: चित्रासिंह
मानवेन्द्रसिंह की पत्नी चित्रासिंह ने कहा कि आज यह निर्णय कर लेना है कि प्रदेश की वसुंधरा सरकार को उखाड़ कर दम लेंगे। मुख्यमंत्री को अभिमान है और इसका जवाब स्वाभिमान से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तानाशाही शासन से लोग परेशान हो गए हैं। जो लोग हमसे जुड़े उनके स्वाभिमान की रक्षा करना हमारा धर्म है। स्वाभिमानियों की खुशहाली के लिए हमारा परिवार जीएगा। यह निर्णय आज ही होगा कि अब करना क्या है।
मंच पर मुख्य वक्ता मानवेन्द्रसिंह और उनकी पत्नी चित्रासिंह ही रहे। इसके अलावा जसवंत सिंह से जुड़े रहे प्रदेशभर के विभिन्न नेता रहे, जिन्होंने संबोधित किया। राजपूूत समाज के कई नेता भी थे।
मानवेन्द्रसिंह की पत्नी चित्रासिंह ने कहा कि आज यह निर्णय कर लेना है कि प्रदेश की वसुंधरा सरकार को उखाड़ कर दम लेंगे। मुख्यमंत्री को अभिमान है और इसका जवाब स्वाभिमान से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तानाशाही शासन से लोग परेशान हो गए हैं। जो लोग हमसे जुड़े उनके स्वाभिमान की रक्षा करना हमारा धर्म है। स्वाभिमानियों की खुशहाली के लिए हमारा परिवार जीएगा। यह निर्णय आज ही होगा कि अब करना क्या है।
मंच पर मुख्य वक्ता मानवेन्द्रसिंह और उनकी पत्नी चित्रासिंह ही रहे। इसके अलावा जसवंत सिंह से जुड़े रहे प्रदेशभर के विभिन्न नेता रहे, जिन्होंने संबोधित किया। राजपूूत समाज के कई नेता भी थे।
पत्रिका से विशेष बात
पत्रिका. क्या आपने भाजपा छोड़ दी है?
मानवेन्द्र. हां, मैंने भाजपा को छोड़ दिया है। पत्रिका. क्या आप कांग्रेस में जा रहे हैं?
मानवेन्द्र. यह निर्णय जनता को करना है। पत्रिका. यह असमंजस की स्थिति कब तक रहेगी?
मानवेन्द्र. यह निर्णय जनता ही करेगी।
पत्रिका. क्या आपने भाजपा छोड़ दी है?
मानवेन्द्र. हां, मैंने भाजपा को छोड़ दिया है। पत्रिका. क्या आप कांग्रेस में जा रहे हैं?
मानवेन्द्र. यह निर्णय जनता को करना है। पत्रिका. यह असमंजस की स्थिति कब तक रहेगी?
मानवेन्द्र. यह निर्णय जनता ही करेगी।
पत्रिका. क्या आप तीसरे मोर्चे की घोषणा करेंगे?
मानवेन्द्र. मैंने अपने बारे में एेसा कोई विचार नहीं किया है।
मानवेन्द्र. मैंने अपने बारे में एेसा कोई विचार नहीं किया है।