खतरे का अलर्ट…कोविड पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं में प्री-मैच्योर डिलीवरी!
-बाड़मेर में मई महीने में कुल 6 केस आ चुके सामने-समय से पूर्व पैदा हुए बच्चे कमजोर, एनआइसीयू में उपचार
खतरे का अलर्ट…कोविड पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं में प्री-मैच्योर डिलीवरी!
बाड़मेर. गर्भवती महिलाओं को कोविड पॉजिटिव होने पर समय से पूर्व बच्चे के जन्म का खतरा बढ़ गया है। कोविड पॉजिटिव हो चुकी गर्भवती महिलाओं के प्री-मैच्योर डिलीवरी के मामले मई महीने में ज्यादा सामने आए हैं। बाड़मेर के सरकारी अस्पताल में मई महीने में छह केस मिले हैं। जिसमें प्री-मैच्योर डिलीवरी हुई और बच्चे कमजोर पैदा हुए। हालांकि इसका कारण मास्क अधिक देर तक लगाने को जोड़कर देखा जा रहा है।
कोविड का खतरा सभी के लिए बना हुआ है। लेकिन गर्भवती महिलाओं में समय पूर्व डिलीवरी होने से भावी पीढ़ी के लिए बड़ा संकट बन रहा है। गर्भवती महिलाओं के कोविड होने पर बच्चों में संक्रमण के मामले तो अधिक नहीं है।
सात महीने में हो गए पैदा
पॉजिटिव होने के बाद एक-दो मामले में महिलाओं के बच्चे सात महीने में ही पैदा हो गए। इसके चलते बच्चे का वजन 1.3 किलोग्राम ही था। इस तरह के बच्चों को बचाना भी बड़ी चुनौती है। इस दौरान कोविड पॉजिटिव होने से बच्चों को मां का दूध भी नहीं मिल पाता है। इसलिए नवजात के लिए दुनिया में आते ही जीवन का संघर्ष शुरू हो जाता है।
केवल एक बच्चे का सामान्य वजन
मई महीने में 6 पॉजिटिव प्रसूताओं के समय पूर्व डिलीवरी हुई। इसमें केवल एक महिला के बच्चे का वजन 2.5 किलोग्राम था, जिसे सामान्य माना जाता है। इसके अलावा सभी बच्चों का वजन सामान्य से कम रहा। ऐसे सभी बच्चों का एनआइसीयू में उपचार किया गया। अभी भी दो बच्चों का उपचार अस्पताल में चल रहा है।
एनआइसीयू में 6 मामले आए
कोविड पॉजिटिव महिलाओं के मामलों में प्री-मैच्योर डिलीवरी के कारण बच्चे कमजोर पैदा हो रहे हैं। मई महीने में एनआईसीयू में ऐसे कुल 6 केस आए हैं, जिनमें बच्चों का वजन समय से पहले पैदा होने के कारण काफी कम रहा।
-डॉ. अमित शांडिल्य, सहायक आचार्य, प्रभारी एनआइसीयू राजकीय अस्पताल बाड़मेर
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