जो लोग चार पहिया वाहनों का इस्तेमाल कर रहे थे इस झंझट में वे दुपहिया पर आ गए है। हारी-बीमारी में अस्पताल तक पहुंचने वालों को परेशानी ज्यादा हो रही है। रात को राहगीर राह भटक रहे है। प्रशासन इसको लेकर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
यह है नियम – किसी भी सड़क को बंद करने की सूचना पहले दी जाए
– संकेतक बोर्ड लगाया जाए ताकि राहगीर को पहले पता चले – पूरी सड़क जाम हो रही है और अन्य रास्ता नहीं है तो विकल्प दिया जाए
– एक रास्ते को अधिकतम कितना बंद रखा जाएगा यह सूचना चस्पा की जाए
– संभव हों तो काम को टुकड़ों में किया जाए ताकि शहर परेशान न हों
– जिन छोटे मार्गों पर रात में काम हो सकता है, वहां रात में हीं किया जाए यह है स्थिति
– इन दिनों पिलरों का
निर्माण किया जा रहा है। शहर के प्रवेश मार्गों पर कार्यकारी एजेंसी ने बेरीकेडिंग लगा रखे हैं, लेकिन भीतरी भागों में कार्य स्थल से आधा से पौन किमी पहले किसी प्रकार का सूचना बोर्ड तक नहीं लगाया गया है ।
– कार्यकारी एजेंसी स्वयं की सुविधा अनुसार मार्ग बंद करती और खोलती है, जिस पर वाहन चालकों को यह पता ही नहीं चल पाता कि आज कौनसा रास्ता बंद है और खोलना शुरू।
– किसी रास्ते पर कार्य खत्म करने के बाद मार्ग से समय पर रेत नहीं हटाई जा रही है
– शहर के 50 के करीब रास्ते और गलियां जाम हो रहे है रेत बनी जी का जंजाल – मार्ग निर्माण को लेकर एजेंसी ने एक दर्जन से अधिक स्थानों पर पिलर निर्माण को लेकर खुदाई कर रखी है। यहां बड़ी मात्रा में रेत बाहर निकली है। इसे अब तक नहीं हटाने से आवागमन में वाहन चालकों को अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। इनमें वाहन धंसते व पलटते हैं। हजारों वाहनों की आवाजाही पर रेत के उड़ते गुबार पर राहगीरों, दुकानदारों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है।
फेक्ट फाइल
– 96 करोड़ लागत से बनेगा ओवरब्रिज – 02 माह से चल रहा है काम
– 02 किमी में बनेगा ओवरब्रिज लोगों ने कहा, असहनीय हो रहा है – नगर में ओवरब्रिज निर्माण का कार्य व्यवस्थित तरीके से नहीं करने पर आवागमन मुश्किल हो गया है। एक से दूसरे बाजार में पहुंचने तक 15 से 20 मिनट लगते हैं। हर दिन परेशानी उठाते हैं।
– अशोक गोयल नगर में ओवरब्रिज निर्माण को लेकर जो मार्ग सुबह खुला होता है वह शाम को बंद होता है। इसकी सूचना नहीं होती। किस मार्गसे आवागमन करें, इसे लेकर बड़ी परेशानी उठानी पड़ती है।
– कन्हैयालाल सोनी ओवरब्रिज निर्माण को लेकर पिलर खुदाई पर निकले मलबे, रेत को निर्माण के कई िदनों बाद भी नहीं हटाया जाता है। इसमें वाहन धंसते,रपटते हैं। इससे चालक चोटिल होते हैं।
– आशीष गुप्ता ओवरब्रिज निर्माण कार्य के बाद नगर में कार, जीप जैसे बड़े चार पहिया वाहन भीतरी भागों से गुजरते हैं। बाजार बहुत संकड़ा है। इस पर हर दो मिनट बाद लगने वाले जाम पर अधिक परेशानी उठानी पड़ती है।
– धनराज संगतानी