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बड़वानी

election 2018 : परिवारवाद और कम पढ़े लिखे प्रत्याशियों का विरोध शुरू, पूर्व नपा अध्यक्ष उतर सकते हैं निर्दलिय मैदान में

25 साल से एक ही परिवार का बड़वानी विधानसभा पर कब्जा, बड़वानी कांग्रेस में बगावत के सुर, पूर्व नपा अध्यक्ष उतर सकते हैं निर्दलिय मैदान में

बड़वानीNov 06, 2018 / 10:11 am

मनीष अरोड़ा

barwani occupies the same family of assembly

barwani occupies the same family of assembly

रिपोर्ट : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. विधानसभा चुनाव को लेकर अब कांगे्रस में बगावत के सुर तेज होने लगे है। बड़वानी विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से एक ही परिवार को बार-बार टिकट दिए जाने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश की लहर है। कांग्रेस द्वारा विधायक रमेश पटेल को दोबारा प्रत्याशी घोषित करते के बाद अब कांग्रेस के बागी मैदान में उतरने की तैयारी में है। परिवारवाद और कम पढ़े लिखे प्रत्याशी की बजाए शिक्षित प्रत्याशी की मांग को लेकर कांग्रेस से पूर्व नपा अध्यक्ष राजन मंडलोई निर्दलिय रूप से चुनाव लड़ सकते है।


25 सालों से ही परिवार का कब्जा
बड़वानी विधानसभा पर पिछले 25 सालों से एक ही परिवार का कब्जा रहा है। जिसमें चार बार काका और एक बार भतीजा जीता है। दूसरी बार भी ये जोड़ी चुनावी मैदान में हैं। पहले भाजपा से चार बार के विधायक रहे काका प्रेमसिंह पटेल और पिछली बार कांग्रेस से विधायक रहे भतीजे रमेश पटेल को दोनों ही पार्टियों ने एक बार फिर से मौका दिया है। भाजपा में तो काका का कोई विरोध प्रत्यक्ष रूप से नजर नहीं आ रहा हैं, लेकिन कांग्रेस में भतीजे रमेश पटेल का विरोध खुलकर सामने दिख रहा है। कांग्रेस की और से टिकट की दौड़ में शामिल राजन मंडलोई गुट के लोग रमेश पटेल के विरोध में आ गए हैं। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजन मंडलोई को मनाने में लगे हुए हैं। हालांकि राजन मंडलोई की तरफ से अभी तक चुनावी मैदान में उतरने की बात पर इंकार किया जा रहा है, लेकिन सूत्रों की माने तो अपने समर्थकों और ग्रामीणों की मांग पर वे सामने आ सकते हैं।


लंबे समय से शिक्षित प्रत्याशी की मांग
उल्लेखनीय है कि चार बार के विधायक रहे भाजपा प्रत्याशी प्रेमसिंह पटेल पांचवी पास है। वहीं, दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे रमेश पटेल भी आठवीं पास ही है। शहर में लंबे समय से शिक्षित प्रत्याशी की मांग की जा रही थी। जिसके चलते राजन मंडलोई के साथ ही नपा अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह चौहान और जनपद अध्यक्ष मनेंद्रसिंह पटेल बिट्टू भी कांग्रेस प्रत्याशी की दौड़ में शामिल थे। राजन मंडलोई और लक्ष्मणसिंह चौहान दोनों ही बीए एलएलबी है। वहीं, मनेंद्रसिंह भी उच्च शिक्षित है। शिक्षित प्रत्याशी की मांग पूरी नहीं होने पर कांग्रेस के बागी कार्यकर्ता राजन मंडलोई को मैदान में उतारने की तैयारी में है।


रमेश पटेल के लिए होगी मुसीबत
पूर्व नपा अध्यक्ष रह चुके राजन मंडलोई इस साल हुए नपा चुनाव में भी अध्यक्ष के रूप में अपनी दावेदारी जता रहे थे। कांग्रेस हाईकमान ने राजन मंडलोई की जगह लक्ष्मणसिंह चौहान को मैदान में उतारा था। तब भी बगावत के सुर तेज हुए थे, लेकिन वरिष्ठों ने भरोसा दिलाया था कि राजन मंडलोई को विधानसभा में मौका दिया जाएगा। अब विधानसभा में भी राजन मंडलोई को पीछे कर दिया गया। जिसके बाद उनके समर्थक विरोध पर उतर आए है। उल्लेखनीय है कि मनेंद्रसिंह पटेल भी राजन मंडलोई के रिश्ते में है और यदि ऐसे में राजन मंडलोई मैदान में उतरते है तो रमेश पटेल के लिए दोहरी मुसीबत होगी। उन्हें काका प्रेमसिंह पटेल के साथ ही अपनी पार्टी के बागियों से भी पार पाना होगा।

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