6-7 किसानों का करीब 40 हेक्टेयर की फसल को नुकसान, किसानों ने थाने पहुंचकर की एनवीडीए अधिकारियों के खिलाफ शिकायत, करीब 20 से 25 लाख रुपए का हुआ है नुकसान, शासन से मुआवजा देने की मांग
बड़वानी•Mar 17, 2019 / 10:39 am•
मनीष अरोड़ा
canal of Indira Sagar project
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. नहरों में पानी आना हमेशा ही किसानों के लिए फायदेमंद रहा है, लेकिन इंदिरा सागर परियोजना की एक नहर में आया पानी कुछ किसानों के लिए बरबादी का सबब बन गया। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम सजवानी में ओवरफ्लो होने से फूटी नहर से 40 हेक्टेयर में खड़ी गेहूं की पकी फसल खराब हो गई। फसल बरबाद होने से किसानों ने एनवीडीए के अधिकारियों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई। साथ ही किसानों ने प्रशासन से खराब फसलों के लिए मुआवजे की मांग भी की है।
शनिवार सुबह ग्राम सजवानी में इंदिरा सागर परियोजना की नहर से लगे अपने खेतों में जब किसान पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर सिर पकड़कर बैठ गए। नहर में हुए ओवरफ्लो के चलते पानी खेतों में घुस गया था। जिसके कारण पकी और कटी फसल पूरी तरह से भीगकर खराब हो गई थी। किसान मनोहर नवलसिंह ने बताया कि नहर से लगे करीब 40 एकड़ के खेतों में फसलों को नुकसान हुआ है। जिसमें दशरथ माग्या, सरदार रुकडिया, छगन हमीर, घिस्या पिता गोविंद सहित अन्य किसानों की फसल शामिल है। कुल मिलाकर 20 से 25 लाख रुपए का नुकसान किसानों को हुआ है।
हम तो बरबाद हो गए
किसान दशरथ ने बताया कि नहर का पानी खेतों में घुुसने से पूरी तरह से फसल खराब हो चुकी है। रात में ही खेतों में पानी आ गया था, जिसके कारण पका और कटा गेहूं पूरी तरह से भीग गया है और अंकुरण होने लगा है। अब इस गेहूं को बाजार में कोई नहीं खरीदेगा। किसान की पत्नी यशोदाबाई ने बताया कि खेतों में दिन रात एक कर मेहनत की थी और अब जब गेहूं पका तो पानी ने बरबाद कर दिया। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा। पानी से खराब हुई फसलों को लेकर पीडि़त किसानों ने मुआवजे की मांग की है। किसानों का कहना हैकि यदि मुआवजा नहीं मिला तो हमारे पास आत्महत्या के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा।
पहले भी घुसा था खेत में नहर का पानी
किसान सरदार, छगन आदि ने बताया कि नहरों की गुणवत्ता ठीक नहीं है। पूर्वमें भी दो बार खेतों में पानी घुस चुका है। इसकी शिकायत भी एनवीडीए अधिकारियों से की थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। किसानों के अनुसार नहर खराब बनाई गई है, जिसके कारण हमेशा ऐसी स्थिति बनती है। नहरों में रिसाव से भी कई बार खेतों में दलदल जैसी स्थिति बन चुकी है। शनिवार को भी एनवीडीए अधिकारियों से खेतों में पानी घुसने की शिकायत की, लेकिन दोपहर तक भी अधिकारियों ने नहर में पानी बंद नहीं कराया। ऐसी स्थिति रही तो अन्य खेतों में भी नुकसान पहुंच सकता है।
अधिकारियों के खिलाफ केस दर्जकरने की मांग
दोपहर में सभी पीडि़त किसान कोतवाली थाने पहुंचे। यहां किसानों ने लिखित आवेदन देकर एनवीडीए अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की।किसानों का कहना था कि अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाईकी जाए। साथ ही किसानों की मांग है कि प्रशासन द्वारा उन्हें उचित मुआवजा भी दिलवाया जाए। कोतवाली टीआई राजेश यादव ने बताया कि किसानों की समस्या को लेकर संबंधित एसडीओ को से बात की गई है। एसडीओ ने आश्वासन दिया है कि नहर के पानी को कम किया जाएगा और आगे से किसानों के खेतों में पानी नहीं घुसेगा।