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बड़वानी

हर किमी पर पेयजल उपलब्धता के निर्देश, हकीकत में भटक रहे ग्रामीण

ग्रामीण क्षेत्रों में गहराई पेयजल समस्या, सब काम छोड़कर पानी की तलाश, शहर में आ रहे नल, सार्वजनिक स्थलों पर नहीं प्याऊ की व्यवस्था, बस स्टैंड पर सबसे ज्यादा समस्या, खरीद कर पानी पी रहे यात्री

बड़वानीApr 29, 2019 / 11:13 am

मनीष अरोड़ा

Depth of drinking water problem in rural area

Depth of drinking water problem in rural area

बड़वानी. आसमान से बरसती आग और लगातार गिरते भूजल स्तर से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संकट गहराने लगा है। लोग चिलचिलाती धूप में सब काम छोड़कर पानी की तलाश में लगे हुए है।गर्मीके पूर्वही कलेक्टर ने पीएचई विभाग को जल संकट से निपटने के लिए निर्देशित किया था। वहीं, एक दिन पूर्व संभागायुक्त ने भी हर एक किमी पर पेयजल उपलब्धता के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए थे। गहराते जल संकट से ग्रामीण क्षेत्रों में राहत नहीं मिल रही है। हालांकि शहर में रोजाना नलों में पानी आ रहा है, लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल का संकट दिख रहा है। ये स्थिति अंजड़, पलसूद, निवाली, बिजासनघाट, सेंधवा, धनोरा, जुलवानिया सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी है।
शहर में पड़ रही भीषण गर्मी में शहर के कुछ महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों पर लोग शीतल जल को तरस रहे है। शहर के बस स्टैंड परिसर में प्रतिदिन 200 बसों की आवाजाही होकर पांच हजार यात्री आना-जाना करते है। यहां नपा का पुराना प्याऊ बना हैं, जो नाकाफी है। बस यूनियन द्वारा संचालित प्याऊ में प्लास्टिक की बाल्टी व मग रखा हुआ है। 46 डिग्री तापमान में हजारों यात्री इसी पर निर्भर है। अधिकांश लोगों को दुकानों से बोतल बंद ठंड जल खरीदना पड़ रहा है। इसी तरह शहर के व्यस्तम क्षेत्र व प्रमुख बस स्टॉपेज रणजीत क्लब के पास नगर पालिका द्वारा इस बार प्याऊ नहीं लगाया गया है। जिससे यहां लोग पानी को तरस रहे है।
1.83 करोड़ खर्च के बाद भी प्यासे ग्रामीण
चाचरिया. ग्राम की ज्वलंत समस्या पेयजल समस्या के निराकरण के लिए एक करोड़ तिरयासी लाख की लागत से पानी की टंकी पाइप लाइन की योजना पर काम चल रहा है। टंकी निर्माण में दो महिने से अधिक समय लगेगा। गांव में करीब पांच सौ घरों की बस्ती है। भीषण गर्मी में ग्रामवासी पानी के लिए जद्दोजहद करते है। गांव से डेढ़ किमी दूर स्थित हैंडपंप से बाइक, साइकिल और कार में डिब्बे रख कर पानी की व्यवस्था कर रहे है। कोई टैंकर से पानी खरीद कर अपनी जरुरत के पानी की व्यवस्था कर रहे है।
केरमला डेम में पानी नहीं, गहराया जल संकट
वरला-बलवाड़ी. पिछले वर्ष अच्छी बारिश नहीं हुई थी। सेंधवा रोड स्थित केरमला डेम में पानी नहीं होने से आसपास के क्षेत्र में जल संकट गहरा गया है। इससे आसपास के गांव में पेयजल की समस्या के साथ जलस्तर कम हो गया है। कुएं भी सूख चुके है। हैंडपंपों में जलस्तर की कमी के कारण ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है। आधे से एक किमी दूर से तपती धूप में लोग पानी लाने को मजबूर है।
बूदी गांव में 2 माह से आ रही पेयजल समस्या
पाटी. ग्राम बूदी में पिछले 2 माह से पीने के पानी की किल्लत बढ़ गई है। लोग भीषण गर्मी में एक किमी दूर से पीने का पानी ला रहे है। वहीं कई लोग 800 रुपए प्रति टैंकर से पानी खरीद रहे है। गरीब परिवार के लोग एक किमी दूर से पीने का पानी अपने सिर पर रख कर ला रहे है। प्रहलाद गोले ने बताया कि मेरे यहां ग्राम पंचायत का नल कनेक्शन है। इसमें पिछले एक माह से पानी नहीं आया है। पंचायत के कर्मचारी द्वारा नल कनेक्शन का वॉल नहीं खोला जाता है। पीने का पानी हमें अन्य स्थान से लाना पड़ रहा है।
खड़की में पानी की हो रही किल्लत
पानसेमल. समीप ग्राम खड़की में पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। ग्राम में स्थित हैंडपंप बंद हो रहे है। जिस वजह से जल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। कुछ दिनों पहले ग्रामीणों ने जनसहयोग से एक पुराने बंद पड़े हैंडपंप को चालू किया था, लेकिन बढ़ती गर्मी के बीच पानी जमीन के नीचे चला गया। इससे हंैडपंप में पानी आना बंद हो गया था। ग्रामीणों ने दोबारा जन सहयोग से जमीन के अंदर बोर में नवीन पाइप बढ़ाकर हैंडपंप को चालू किया गया। ग्रामीणों द्वारा बड़ी मेहनत और स्वयं के पैसों से व्यवस्था कर हैंडपंप को चालू किया गया। अब इस हैंडपंप से लोगों को शुद्ध पीने का पानी प्राप्त हो रहा है।

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