बड़वानीPublished: Dec 05, 2018 11:04:35 am
मनीष अरोड़ा
ऋण वसूली के लिए छूट रहे सोसायटी अधिकारियों के पसीने, 337 करोड़ रुपए का कर्ज बाकी किसानों पर, 11 दिसंबर का कर रहे इंतजार
Distance from societies created by debt waiver announcement
खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन : विशाल यादव
बड़वानी. खरीफ की फसल में दिए गए बैंक ऋण की वसूली आरंभ हो चुकी है। कांग्रेस द्वारा चुनाव घोषणा पत्र में की गई किसानों के कर्ज माफी की घोषणा ने ऋण वसूली में लगी सोसायटियों की परेशानी बढ़ा दी है। घोषणा के बाद से किसानों ने सोसायटियों से दूरी बना ली है। जिले की सभी सोसायटियों को करीब 337 करोड़ रुपए की ऋण वसूली करना है। चुनावी घोषणा पत्र से किसान फिलहाल ऋण वापसी के मुड़ में नहीं दिख रहे है। सभी को 11 दिसंबर को होने वाले चुनाव परिणामों का इंतजार है। सोसायटी कर्मचारी, अधिकारी भी अब परिणाम घोषित होने के बाद ही ऋण वसूली की बात कह रहे हैं।
ऋण के लिए वापस नहीं पहुंच रहे सोसायटी
जिले की 54 सोसाटियों द्वारा खरीफ सीजन में 44754 किसानों को कुल 3 अरब 37 करोड़ रुपए का ऋण वितरण किया गया था। नवंबर में किसानों की उपज मंडी में आना शुरू होने से नवंबर से ही ऋण वसूली का काम भी आरंभ हो जाता है। साथ ही किसानों की चहल-पहल भी सोसाटियों में बढ़ जाती है। गेहूं की बोवनी के लिए खाद और पुराना ऋण चुका कर नए ऋण की कार्रवाई में किसान लग जाता है। वर्तमान में किसानों की उपज मंडी तक तो पहुंच रही हैं, लेकिन किसान ऋण वापसी के लिए सोसाटियों तक नहीं पहुंच रहे है। मंडियों में फसल बेचने से राशि सीधे किसान के खाते में चली जाती है और बैंक अपने ऋण की राशि काट लेता है। जिसके चलते किसाना फिलहाल कम उपज ला रहे है या फिर सीधे बाजार में नकद बेच रहे है।इसका मुख्य कारण सिर्फ किसान को कांग्रेस द्वारा किए गए घोषणा पत्र में की गई कर्ज माफी की घोषणा का इंतजार है।
कर्ज माफी होना असंभव लग रहा है
भारतीय किसान संघ अध्यक्ष लक्ष्मण हम्मड़ ने बताया कि घोषणा पर अमल सरकार बनने के बाद ही होगा। फिलहाल रिजल्ट का इंतजार है, यदि सरकार बनती भी है तो पूरे प्रदेश में हर किसान का दो लाख रुपए का कर्ज माफ करना असंभव दिख रहा है। संभावना है कि कर्ज माफी के लिए किसानों को श्रेणी में बांट दे, जिसमें बड़े किसान, दो-पांच एकड़ से ऊपर वाले किसान, डिफाल्टर किसान, चालू ऋण वाले किसान आदि को निकाला गया तो सिर्फ 25 से 30 प्रतिशत किसानों को ही फायदा होगा, वो भी पूरा न हो। हम्मड़ ने बताया कि भाकिसं सदैव मांग करता आ रहा है कि किसानों को लागत मूल्य के आधार पर ही उपज का मूल्य दिया जाए। कृषि में लगने वाली सारी लागत जोड़कर लाभकारी मूल्य मिले तो किसानों को फायदा होगा।
फैक्ट फाइल…
54 सोसायटी कुल जिले में
337 करोड़ का ऋण बांटा खरीफ सीजन में
44754 किसान पंजीकृत सोसायटियों में
9.96 करोड़ का ऋण रबी सीजन में बांट चुके
15 मार्च तक करना है खरीफ सीजन की ऋण वसूली
वर्जन…
अभी तो न के बराबर वसूली
नवंबर से वसूली जरूर शुरू हो जाती है, अभी फसलें निकल ही रही है। दिसंबर से मार्च तक पूरी वसूली करना होती है। किसानों के कर्ज माफ की घोषणा के बाद जो किसान नवंबर, दिसंबर में ही आ जाते थे, वो नहीं आए है। 11 दिसंबर के बाद ही वसूली की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
-रमेशचंद्र लाखे, प्रबंधक आदिमजाति साख सहकारी सोसायटी बड़वानी