scriptबैक वाटर की डूब में करोड़ों की फसल बरबाद होने की कगार पर | Farmers loss due to sinking of Sardar Sarovar Dam | Patrika News
बड़वानी

बैक वाटर की डूब में करोड़ों की फसल बरबाद होने की कगार पर

सात हजार हेक्टेयर कृषि जमीन बन गई पूरी तरह से टापू, लहलहा रही फसलें, एक हजार हेक्टेयर कृषि भूमि का भूअर्जन तक नहीं हुआ, खेतों तक जाने के लिए नहीं बचे रास्ते, मक्का, कपास को हो रहा नुकसान

बड़वानीSep 16, 2019 / 10:36 am

मनीष अरोड़ा

Farmers loss due to sinking of Sardar Sarovar Dam

Farmers loss due to sinking of Sardar Sarovar Dam

बड़वानी. सरदार सरोवर बांध की डूब में सबसे ज्यादा नुकसान किसानों का हो रहा है। बड़वानी और धार जिले की कुल 7 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि टापू बन गई है और कई हेक्टेयर खेत पानी में डूब चुके है। किसानों के पास खेतों में जाने का रास्ता नहीं होने से करोड़ों की फसल खराब होने का खतरा मंडरा रहा है। एक हजार हेक्टेयर जमीन का तो भूअर्जन तक नहीं हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार अभी पौने दो मीटर बैक वाटर और बढऩे की आंशका है। डूब में आए खेतों की फसलों के लिए अभी तक कोई मुआवजा नीति भी तय नहीं की गई है।
नर्मदा ट्रिब्यूनल अवार्ड के अनुसान बैक वाटर के सर्वे में मप्र की करीब सात हजार हेक्टेयर जमीन को डूब में माना गया है। बड़वानी जिले के 65 गांव टापू बनने के साथ ही 6 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि भी टापू में तब्दिल हो चुकी है। एक हजार हेक्टेयर कृषि भूमि पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है। वर्तमान में किसानों ने डूब में आए इन खेतों में मक्का, कपास, दलहन आदि फसलें लगाई हुई है। डूब में आई खेती की जमीन के मालिक कई किसान तो डूब प्रभावित भी नहीं है। डूब क्षेत्र से बाहर रहने वाले इन किसानों की जमीन डूबने से इनके सामने दोहरा संकट खड़ा हो गया है। एनवीडीए ने इन्हें डूब में नहीं माना और फसल भी खराब हो रही है। वहीं, डूब क्षेत्र की कृषि भूमि के लिए भी अभी तक कोई मुआवजा तय नहीं हुआ है। नबआं के मुताबिक ये जमीन तो वो है जो नर्मदा ट्रिब्यूनल द्वारा तय की गई है। आंकड़ा इससे ज्यादा का हो सकता है।
कई टापू ऐसे जहां पुल-पुलिया से हो सकता समाधान
नबआं कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो खेती की जमीन टापू बनी है उसमें कई ऐसे भी टापू है, जिसमें एक ओर से जाने के रास्ते तो है, लेकिन वो डूब गए है। इन टापुओं पर वैकल्पिक मार्ग के रूप में पुल-पुलिया का निर्माण होने से खेतों तक जाने का रास्ता बन सकता है। कुंडिया में 600 एकड़ जमीन टापू बनी है, जिसमें जाने के लिए 22 किमी का रास्ता तय कर बगुद से जाना पड़ रहा है। यहां पुल का निर्माण हो रहा है, लेकिन उसमें करीब दो साल लग सकते है। यहां नाव एक वैकल्पिक रास्ता फिलहाल के लिए हो सकता है। जो खेत पूर्ण डूब में आए हैं, उन्हें डूब में शामिल किया जाना चाहिए।
पौने दो मीटर और बढ़ेगी डूब
जल विशेषज्ञ व नबआं कार्यकर्ता रहमत मंसूरी ने बताया कि अब तक जिसे बैक वाटर की डूब बताया जा रहा था, हकीकत में वो सरदार सरोवर जलाशय की पूर्ण भराव क्षमता (एफआरएल) है। जलाशय में 138.68 मीटर जलभराव होने के बाद जो पानी आएगा वो बैक वाटर कहलाएगा। जलाशय से जितनी दूरी बैक वाटर लेवल की होगी, उतना ज्यादा पानी उस क्षेत्र में आएगा। जलाशय की पूर्ण भराव क्षमता पर बड़वानी राजघाट में 139.500 मीटर तक लेवल तक बैक वाटर आएगा। करीब पौने दो मीटर डूब ओर आएगी।
छोटा बड़दा के सात परिवारों को मिले प्लाट
डूब ग्राम छोटा बड़दा में 58 परिवारों को पहले डूब से बाहर किया गया था। बांध में पानी भरने के बाद इन मकानों में पानी आना शुरू हो गया है। कई मकान पूरी तरह से डूब चुके हैं। नबआं के विरोध के बाद लगे शिविर में इन परिवारों को डूब में माना गया। रविवार को इन 58 डूब प्रभावितों में से सात परिवारों को अंजड़ के पास छोटा बड़दा बसावट में प्लाट आवंटित किए गए।
17 को मनाएंगे डूब प्रभावित शोक दिवस
सरदार सरोवर बांध को भरने को लेकर डूब प्रभावित 17 सितंबर को शोक दिवस मनाएंगे। नबआं कार्यकर्ता राहुल यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन मनाने के लिए हजारों परिवारों को बिना पुनर्वास को डुबोया जा रहा है। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री डेम साइट पर अपना जन्मदिन मनाएंगे। उसके विरोध में नबआं और डूब प्रभावित बड़वानी में शोक दिवस मनाएंगे। मंगलवार सुबह 11 बजे कारंजा शहीद स्मारक पर एकत्रित होकर रैली निकाली जाएगी और शोक सभा का आयोजन किया जाएगा।
चक्काजाम करने वालों के खिलाफ केस दर्ज
अंजड़. शनिवार को पांच घंटे तक खंडवा बड़ौदा स्टेट हाईवे जाम करने वालों के खिलाफ अंजड़ पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। थाना प्रभारी गिरीश कुमार कवरेती ने बताया कि अस्थाई टीनशेड के सामने शनिवार को डूब प्रभावितों ने खंडवा बड़ोदरा स्टेट हाईवे पर करीब 5 घंटे चक्काजाम किया था। इस जाम के विरुद्ध 21 नामजद लोगों सहित कुल 150 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर मामला विवेचना में लिया है। गौरतलब हैं कि शनिवार को गुणवत्ताहीन भोजन एवं अन्य मांगों को लेकर अस्थाई टीनशेडों में रह रहे डूब प्रभावितों ने स्टेट हाईवे जाम कर दिया था।
सरदार सरोवर बांध का जलस्तर शाम 5 बजे तक
138.57 मीटर बांध का जलस्तर
23 गेट खुले थे 3.1 मीटर तक
7.83 लाख क्यूसेक पानी आ रहा बांध में
5.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा बांध से
138.400 मीटर राजघाट पर नर्मदा का जलस्तर

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