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बड़वानी

बेभाव हुए प्याज के भाव ने निकाले किसानों के आंसू

बाजार में चार से पांच रुपए किलो का मिल रहा भाव, लागत भी नहीं निकाल पा रहे किसान, समर्थन मूल्य खरीदी की मांग

बड़वानीDec 06, 2018 / 10:48 am

मनीष अरोड़ा

Farmers' tears removed onion prices

Farmers’ tears removed onion prices

लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. प्याज के भावों ने एक बार फिर किसानों को आंसू बहाने पर मजबूर कर दिया है। बेभाव हुए प्याज को बाजार में भाव ही नहीं मिल रहा है। खेतों में फसल निकल रही है, किसानों को समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या करे। बाजार के भाव में बेचते है तो किसानों को प्याज की लागत भी नहीं मिल पा रही है।आदर्श आचार संहिता लगी होने से समर्थन मूल्य की खरीदी भी नहीं हो रही है। चुनाव नतीजों के बाद यदि सरकार बदलती है तो समर्थन मूल्य खरीदी होगी या नहीं इसको लेकर भी किसानों में संशय की स्थिति बनी हुई है।
भाव ने किसानों को दिया धोखा
पिछले साल खरीफ में प्याज की फसल को भाव नहीं मिलने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार फिर खरीफ में प्याज के भावों ने किसानों को धोखा दे दिया। फिलहाल बाजार में चार रुपए किलो के थोक भाव प्याज के है। जबकि खेरची में प्याज 10 से 15 रुपए किलो बिक रहा है। थोक भाव में बेचने पर किसानों को प्याज की लागत भी नहीं मिल पा रही है। किसान दीपक कुशवाह ने बताया कि उनका 2.5 एकड़ में प्याज लगा हुआ है। खेत से प्याज निकालना शुरू कर दिया है। व्यापारियों से संपर्क किया तो 200 रुपए कट्टा यानि कि चार रुपए किलो का भाव बताया है। इतनी कम कीमत में कैसे प्याज दे दें। हमारा तो नुकसान हो रहा है।
15 हजार लागत, आधे भी नहीं मिल रहे
किसान दशरथ पटेल ने बताया कि 2 एकड़ में प्याज लगाई है। बीज लगाने से लेकर प्याज निकालने तक एक एकड़ पर 15 हजार रुपए का खर्च आया है। एक एकड़ पर 1500 किलो का उत्पादन प्याज का हुआ है। बाजार में पांच रुपए किलो के हिसाब से भी प्याज दिया तो साढ़े सात हजार रुपए का होगा। इसमें भाड़ा शामिल नहीं है। ऐसे में लागत का आधा भी नहीं मिल रहा है। बड़वानी तहसील में ही करीब 500 एकड़ में किसानों ने प्याज लगाया है। इन सभी को नुकसान हो रहा है। जिनकी फसल बहुत ज्यादा अच्छी है उन्हें तो 8 से 10 रुपए तक भी भाव मिल जाएगा। जिनका प्याज छोटा रह गया उनका बहुत नुकसान होगा।
इंदौर जाने में भी हो रहा नुकसान
भारतीय किसान संघ के ओमप्रसार काग ने बताया कि बड़वानी के बाजार में बिलकुल भी भाव नहीं है। किसानों को नुकसान उठा कर प्याज बेचना पड़ रहा है। इंदौर मंडी में फोन लगाकर जब व्यापारियों से पूछा जाता है कि क्या भाव है, तो व्यापारी 10 से 12 रुपए का भाव बताकर वहां किसानों को बुला लेता है। वहां पहुंचने पर पता चलता है कि भाव 6 से 8 रुपए ही मिल रहा है। 15 हजार रुपए गाड़ी का भाड़ा लगाकर वहां पहुंच रहे किसानों को औने-पौने दामों में प्याज बेचकर नुकसान उठाकर वापस आना पड़ता है। काग ने मांग की है कि समर्थन मूल्य की खरीदी शुरू की जाए या पिछली बार की तरह सरकार की ओर से किसानों को प्याज पर प्रति किलो पांच रुपए का बोनस दिया जाए।
फैक्ट फाइल
500 एकड़ में लगी बड़वानी तहसील में प्याज
400 रुपए क्विंटल का मिल रहा भाव
15 हजार रुपए प्रति एकड़ का आ रहा खर्च
12 रुपए किलो के भाव से खरीदी की मांग

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