अवल्दा में गोई नदी पर हो रहा खुलेआम अवैध रेत खनन, पुलिस ने अवैध रेत खनन करते 3 टै्रक्टर पकड़े
बड़वानी•Jul 31, 2019 / 10:34 am•
मनीष अरोड़ा
Illegal sand mining on Goy river in Avalda
बड़वानी. रोक व प्रतिबंध के बावजूद क्षेत्र में अवैध बालू रेत का परिवहन धड़ल्ले से हो रहा है। पिछले दिनों छोटा बड़दा में अवैध रेत खदान धंसने से हुई पांच मजदूरों की मौत के बाद कुछ दिन प्रशासन सख्त रहा। अब दोबारा अंजड़ सहित बड़वानी क्षेत्र में अवैध रेत का काला कारोबार दोबारा शुरू हो गया है। ग्राम अवल्दा में गोई नदी पर खुलेआम जमकर अवैध रेत खनन हो रहा है। वहीं, बड़वानी में भी बालू रेत के साथ काली रेत का भी खनन हो रहा है। मंगलवार को बड़वानी पुलिस ने अवैध रेत खनन करते तीन ट्रैक्टर पकड़े।
हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेश पर जिले में नर्मदा और उसकी सहायक नदियों पर किसी भी प्रकार का खनन जिसमें बालू रेत, काली रेत और मिट्टी शामिल है, पर रोक लगी हुई है। इसके बाद भी यहां अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। नर्मदा बचाओ आंदोलन के राहुल यादव ने बताया कि रोजाना रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़कों पर दौड़ते दिख रहे है। ग्राम अवल्दा में गोई नदी से रोजाना 40 से 50 ट्रैक्टर-ट्रॉली रेत निकाली जा रही है। वहीं, बड़वानी के कल्याणपुरा, पिछोड़ी में भी रोजाना अवैध रेत खनन हो रहा है। छोटा बड़दा में मजदूरों की मौत के बाद भी खनिज विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
अवैध बालू रेत परिवहन करते तीन ट्रैक्टर ट्रॉली जब्त
कोतवाली पुलिस द्वारा अवैध रेत परिवहन करते तीन ट्रैक्टर टॉली जब्त कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। टीआई राजेश यादव ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा अवैध रेत परिवहन वालों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए राजघाट रोड भीलखेड़ा बसाहट पहुंचे। यहां तीन ट्रैक्टर ट्रॉली को पकड़ा। ट्रैक्टर क्र. एमपी 46 ए 2439 से राम (24) पिता केरमसिंग निवासी भीलखेड़ा को, बिना नंबर की ट्रैक्टर ट्रॉली से सुरेश (35) पिता नानुराम निवासी राजघाट बसाहट और ट्रैक्टर क्र. एमपी 46 ए 5032 से विजय (21) पिता कान्हा निवासी चुनाभट्टी बड़वानी को गिरफ्तार किया। आरोपियों द्वारा ट्रैक्टर ट्रॉली में बालू रेत भरकर उस पर मिट्टी की परत जमा कर परिवहन कर रहे थे। पुलिस ने संबंधित चालकों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। कार्रवाई मे उनि विजय रावत, सउनि आरके लववंशी, सउनि मोहन तिवारी, आरक्षक शैलेंद्र, मुकेश, जगजोधसिंह व गंगाराम का सहयोग रहा।