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बड़वानी

नहर के लिए खड़ी फसल पर चलवा दी जेसीबी

किसान ने कहा नहीं हुआ भू-अर्जन, प्रशासन ने कहा दे चुके मुआवजा, कोर्ट में चल रहा केस, 5 मार्च को होनी थी सुनवाई, नर्मदा बचाओ आंदोलन का आरोप, हठधर्मिता कर रहा प्रशासन

बड़वानीFeb 15, 2019 / 10:35 am

मनीष अरोड़ा

JCB on a vertical crop for canal

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खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी/बोरलाय. इंदिरा सागर की सब माइनर नहर को लेकर गुरुवार को प्रशासन और किसान परिवार आमने सामने हो गया। दल बल के साथ पहुंचे प्रशासन ने किसान की एक न सुनी और खड़ी फसल पर जेसीबी चलवाकर खुदाई करा दी। किसान का आरोप हैकि उसकी जमीन का भू-अर्जन नहीं हुआ है। जबकि प्रशासन का कहना था कि किसान के भाइयों के नाम ये जमीन है और उन्हें मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं, इस मामले में नर्मदा बचाओ आंदोलन ने प्रशासन पर हठधर्मिता का आरोप लगाया है। नबआं का कहना है कि किसान का केस हाईकोर्ट में चल रहा है। इसके बाद भी प्रशासन ने खड़ी फसल उखाड़ दी।
जिला प्रशासन को समीपस्थ ग्राम बोरलाय के किसानों ने शिकायत की थी कि इंदिरा सागर की सब माइनर नहर उनके क्षेत्र में बन रही है। एक किसान शंकर पिता भगवान अहिर के खेत से 1500 वर्ग मीटर की नहर निकलना बाकी है। किसान द्वारा नहर खोदने नहीं दी जा रही है। जिससे किसानों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इसके बाद गुरुवार को बड़वानी एसडीएम अभय सिंह ओहरिया, तहसीलदार राजेश पाटीदार, अंजड़ तहसीलदार सविता चौहान एवं एनवीडीए के अधिकारियों के साथ मौके पर दल बल के साथ पहुंचे एवं बोरलाय निवासी शंकर यादव के खेत में लगी करीब 2 हजार वर्ग फीट में खड़ी भिंडी की फसल को जेसीबी द्वारा हटाने की कार्रवाई की गई। किसान और उसकी पत्नी ने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध भी किया।
अंडरग्राउंड है नहर, फिर कर सकेंगे खेती
तहसीलदार राजेश पाटीदार ने बताया कि इस जमीन का मुआवजा दिया जा चुका है। जमीन की स्थिति भिन्न है, जो नक्शे एवं रिकार्ड के अनुसार ये जमीन शंकर के 2 भाई रमेश पिता भगवान एवं कैलाश पिता भगवान के नाम से दर्ज होने से इसका मुआवजा दोनों भाइयों को दिया जा चुका है। जबकि ये जमीन आपसी बटवारे में शंकर के पास है। शंकर भगवान इसी बात को लेकर नहर निर्माण का कार्य नहीं होने देना चाहता था व पिछले कई माह से कार्य लंबित था व बताया कि इंदिरा सागर परियोजना की नहर करीब 2.20 मीटर चौड़ी बन रही है। इससे हजारों हैक्टेयर खेती की भूमि सिंचित होगी और सैकड़ो किसान लाभांवित होंगे। बताया कि शंकर की ये जमीन में करीब 1500 वर्ग फीट जमीन में खुली नहर बनाने की बजाय भूमि के अंदर पाइपलाइन डालकर नहर निकाली जा रही है, जो नहर के पाइप डालने के बाद वापस भूमि पर खेती की जा सकेगी।
किसान ने की मुआवजा दिलवाने की मांग
किसान शंकर पिता भगवान यादव ने आरोप लगाया कि उसको अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। किसान ने बताया कि मेरी 2 एकड़ खेती है। इसमें मैंने भिंडी की फसल लगाई हैं और नहर की खुदाई के समीप ही मेरा ट्यूबवेल भी आ रहा है। इसके माध्यम से में सिंचाई कर रह रहा हूं। इस पर तहसीलदार राजेश पाटीदार ने बताया कि ट्यूबवेल नहर के समीप ही आ रहा है। जिसे पूरी तरह से बचाया जाएगा। शंकर भगवान ने प्रशासन से उचित व न्यायसंगत कार्रवाई की मांग करते हुए मुआवजा दिलाए जाने की मांग की हैं। मौका स्थल पर बड़वानी व अंजड़ पुलिस दल के साथ थाना प्रभारी गिरीश कवरेती के अलावा तहसील का स्टाफ मौजूद था।
कोर्ट में चल रहा केस, कलेक्टर है पार्टी
नबआं के राहुल यादव ने बताया कि किसान शंकर का मप्र उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर रीट याचिका 18 03/2019 प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमे नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, कलेक्टर बड़वानी, एसडीएम, तहसीलदार इत्यादि को पार्टी बनाया गया है। इस सभी को कोर्ट से नोटिस तामील किया गया है। इसकी सुनवाई 5 मार्च को होनी है।इसके बावजूद एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, पुलिस विभाग इत्यादि अमला लेकर मौके पर जाकर जबदस्ती नहर की खुदाई की गई है। इस किसान के नुकसान भरपाई कौन देगा इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा है। किसान शंकर ने कहा भी कि 5 मार्च की सुनवाई तक कार्रवाई रोक दो उसके खुदाई कर देना, जब तक कोर्ट का फैसला भी आ जाएगा। इसके बावजूद अधिकारियों के द्वारा कोई भी बात नहीं सुनी गई।

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