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बड़वानी

आपसी समझौतों से हुआ वर्षों पुराना मनमुटाव दूर

नेशनल लोक अदालत में निराकृत हुए 664 प्रकरण, लोक अदालत में पारित हुआ 4 करोड़ से अधिक का अवार्ड

बड़वानीSep 15, 2019 / 10:35 am

मनीष अरोड़ा

National Lok Adalat

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बड़वानी. न्यायालय में चलने वाले प्रकरणों का सुलह एवं समझौते के आधार पर निराकरण करने का एक सशक्त माध्यम लोक अदालत है। इसमें प्रकरणों का निराकरण होने से दोनों पक्षों के मध्य आपसी सद्भाव व भाईचारा बना रहता है। वे कानून की लंबी प्रक्रिया से छूट कर त्वरित न्याय पाकर अपना जीवन सौहाद्रपूर्ण तरीके से जी सकते है। शनिवार को नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ करते हुए ये विचार जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामेश्वर कोठे द्वारा व्यक्त किए गए। लोक अदालत में 644 प्रकरणों का निराकरण हुआ। वहीं, चार करोड़ से अधिक का अवार्ड पारित हुआ।
नेशनल लोक अदालत के तहत गठित 15 खंडपीठों के समक्ष 12519 प्रकरण रखे गए। इनमें से 664 प्रकरणों का निराकरण किया गया। निराकृत प्रकरणों से 1202 लोगों को सीधा फायदा हुआ। जबकि इन प्रकरणों में 4 करोड़ 4 लाख 32 हजार 825 रुपए का अवार्ड भी पारित किया गया। वहीं, लोक अदालत में न्यायाधीशों की मध्यस्थता से 2 दंपतियों ने पुन: एक-दूसरे का हाथ थामकर खुशहाल जीवन जीने का वादा किया है। इस मौके पर अधीक्षक डीआर तेनीवार, विशेष न्यायाधीश दिनेशचंद्र थपलियाल, अपर कलेक्टर रेखा राठौर, तृतीय अपर जिला न्यायाधीश आशुतोष अग्रवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव हेमंत जोशी, बार एसोसिएशन अध्यक्ष पुरुषोत्तम मुकाती सहित अभिभाषक, पक्षकार उपस्थित थे।
ससुराल वाले परेशान करते है।
ग्राम गोठानिया की रहवासी पिंकी पति सखाराम ने परिवार परामर्श केंद्र में आवेदन देकर बताया कि उनके 2 बच्चे है, उनके ससुराल वाले एवं पति दहेज की मांगकर मारपीट करते है। जान से मारने की धमकी देते है। उन्हें ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया है एवं पति की दूसरी शादी करना चाहते है। इस पर परामर्श केंद्र में दोनों पक्षों को बुलाकर समझाइश दी गई। दोनों ने एक-दूसरे का पुन: हाथ थामकर प्रण किया कि वे अब कभी आपसी मन-मुटाव को संबंध विच्छेद का कारण नही बनने देंगे।
इसी प्रकार ग्राम भातकी निवासी विपूल भोंसले ने परामर्श केंद्र में आवेदन देकर बताया कि उनकी पत्नी उन्हें आए दिन परेशान करती रहती है। साथ ही पत्नी का व्यवहार उनके परिवार के साथ भी अच्छा नहीं है। बच्चों के साथ भी वह आए दिन मारपीट करती रहती है। इस पर परामर्श केंद्र में पति-पत्नी को बुलाया गया दोनों पक्षों की बात को सुनकर उन्हें समझाइश दी गई। पत्नी ने पति से माफी मांगी कि वे अब आगे से उनके या बच्चों या परिवार के सदस्यों के साथ लड़ाई झगड़ा नही करेगी। पूरा परिवार मिलजुल कर साथ में रहेगा। बछड़े हुए इन 2 परिवारों के जीवन में पुन: खुशियां लाने में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव न्यायाधीश हेमंत जोशी, परिवार परामर्श केंद्र की उपनिरीक्षक रेखा यादव, आरक्षक आशा डुडवे एवं केंद्र काउंसलर अनिता चोयल का योगदान रहा।
लोक अदालत में न्यायाधीश के हाथों मिल गई व्हील चेयर
नेशनल लोक अदालत के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोठे ने अंजड़ निवासी शंकरलाल जोशी को जिला दिव्यांग एवं पुर्नवास केंद्र के माध्यम से व्हील चेयर प्रदान की। जोशी बताते है कि वे 70 वर्षीय होकर नि:संतान दंपत्ति है। उनकी पत्नी हमेशा उनकी सेवा करती है। अब उन्हें व्हील चेयर मिल जाने से वे अपने छोटे-मोटे काम स्वयं कर सकेंगे।

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