सरकार के निर्देशों के बाद भी स्कूल संचालकों की चल रही है मनमानी, इधर प्री-प्रायमरी और प्रायमरी की ऑनलाइन कक्षाओं पर लगी रोक
बड़वानी•Jun 21, 2020 / 10:11 am•
vishal yadav
Private school operators are putting pressure to collect fees
बड़वानी. कोरोना काल में निजी स्कूल संचालक ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के बाद अब पालकों पर फीस वसूली के लिए दबाव बना रहे हैं। निजी स्कूल संचालकों द्वारा बच्चों के पालकों को इसके लिए नोटिस भी दिए जा रहे हैं। साथ ही उनके मोबाइल पर मैसेज भी किए जा रहे हैं। ऐसे में जिन पालकों के बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं, वे परेशान हो रहे हैं।
लॉक डाउन के दौरान कई लोगों पर परिवार पालने का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में जिनके बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं, वे फीस भरने में सक्षम नहीं है। वहीं निजी स्कूल संचालकों द्वारा डाले जा रहे दबाव के चलते भी इनकी परेशानी बढ़ गई है। जिले में कई ऐसी निजी स्कूलें हैं, जहां से पालकों को नोटिस जारी किए गए हैं। ऐसे में पालक इसका विरोध कर रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर कई पालकों ने बताया कि नोटिस जारी करने के बाद निजी स्कूलों में पालकों को बातचीत करने के लिए बुलाया भी जा रहा है। इससे वे परेशान हो रहे हैं। पालकों को डर सता रहा है कि स्कूल फीस न भरने के कारण कहीं उनके बच्चों का नुकसान न हो जाए।
शिक्षा विभाग ने जारी किए हैं निर्देश
कोरोना संक्रमण काल के दौरान स्कूलें न खोलने और पालकों से फीस की वूसली के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग से निर्देश जारी किए गए हैं। 24 अप्रैल को जारी हुए निर्देशों के बाद 16 मई को फिर से स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर्स को पत्र जारी किए हैं। इसमें निर्देशित किया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए अशासकीय विद्यालयों द्वारा लॉक डाउन की अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क प्रसारित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त कोई शुल्क अन्य किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। वहीं जारी निर्देशों के अनुसार कोई भी निजी स्कूल संचालक पालक पर फीस वसूली के लिए दबाव नहीं डालेगा। पालकों से बकाया शुल्क की वसूली के लिए 30 जून तक का समय दिया है। वहीं कोई भी निजी स्कूल फीस में वृद्धि नहीं करेगा। साथ ही एकमुश्त फीस अदायगी के लिए पालकों को परेशान नहीं करेगा, वहीं फीस किश्तों में ली जाएगी। शिक्षा विभाग से जारी निर्देशों में स्पष्ट है कि निजी स्कूलों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कोई अतिरिक्त फीस नहीं ली जाएगी।
ऑनलाइन कक्षाओं पर लगी रोक
राज्य शासन ने ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन की समय अवधि निर्धारित करते हुए प्री-प्रायमरी और प्राथमिक कक्षाओं के ऑनलाइन संचालन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया है। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जारी आदेश अनुसार कक्षा 6 से 8 तक ही ऑनलाइन कक्षाएं प्रतिदिन 2 सत्र में अधिकतम 30 से 45 मिनट प्रति सत्र ही आयोजित की जा सकेंगी। प्रदेश में कई परिवारों, छात्र-छात्राओं के पास डिजिटल डिवाइस अथवा डेटा रिचार्ज की समस्या भी दिखाई दे रही है। सरकार को ये भी संज्ञान में लाया गया है कि कुछ निजी शालाओं द्वारा अनियंत्रित एवं लंबी अवधि की ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
सेफ ऑनलाइन लर्निंग इन टाइम्स ऑफ कोविड 19 के पालन के निर्देश
दूरस्थ शिक्षा, विशेषकर मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर के माध्यम से ऑन लाइन कक्षाओं से कम आयु वर्ग के बच्चों में संभावित दुष्प्रभाव तथा उनके अभिभावकों के लिए उत्पन्न हो रही कठिनाइयों के दृष्टिगत नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए विद्यार्थी की समग्र गुणवत्ता के उद्देश्य से ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन की अवधि निर्धारित की गई है। ऑनलाइन कक्षाओं की रिकार्डिंग भी विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे विद्यार्थी तथा अभिभावक उसे अपनी सुविधानुसार उपयोग कर सकें। एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए गए दिशा-निर्देश सेफ ऑनलाइन लर्निंग इन टाइम्स ऑफ कोविड-19 का पालन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।
वर्जन…
निजी स्कूल संचालकों ने पालकों से फीस दिलवाने और स्कूलें प्रारंभ करने के लिए कोर्ट में केस लगा रखा है। निजी स्कूल संचालकों की मांग है कि उन्हें फीस वसूली करने दी जाए। इन्होंने दलील दी है कि स्कूल के शिक्षकों को वेतन देने में समस्याएं आ रही है। फीस वसूली के संबंध में निर्देश शिक्षा विभाग से जारी हुए है। वहीं फीस के लिए दबाव नहीं बनाने के निर्देश भी है। वहीं स्कूलों को 31 जुलाई तक बंद रखने के निर्देश भी जारी हुए हैं।
-अर्जुनसिंह सोलंकी, जिला शिक्षा अधिकारी बड़वानी