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बड़वानी

संबल के नाम पर अमीर लोग काट रहे चांदी

एसी, कार, बंगले वालों के आ रहे 200 रुपए के बिजली बिल, विद्युत कंपनी, नगर पालिका की मिलीभगत से बन गए अमीरों के संबल कार्ड, मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ रहा बढ़े हुए बिजली बिलों का भार

बड़वानीDec 22, 2018 / 11:39 am

मनीष अरोड़ा

Rich people cut into silver in the name of Sambal

Rich people cut into silver in the name of Sambal

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी/अंजड़. सरल बिजली योजना के तहत पिछली सरकार की मंशा थी कि गरीब, श्रमिकों को 200 रुपए में सस्ती बिजली मिले, लेकिन इसका लाभ अमीर लोग भी उठा रहे है। जिले में कई ऐसे लोग है जिनके पास बंगले, कार, एसी तक है, उन्हें भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। श्रमिकों की आड़ में कई अपात्र लोगों द्वारा भी पंजीयन कराकर योजनाओं का लाभ लिया जा रहा है। इसकी किसी भी प्रकार की जांच नहीं की जा रही है। योजना के तहत हजारों अपात्र हितग्राहियों द्वारा बिजली बिल माफी एवं सरल बिल योजना का लाभ लेकर शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। बिजली कंपनी द्वारा भी पंजीकृत श्रमिकों के मकानों के बिजली लोड की जांच की किए बिना ही करोड़ों रुपए के बिल माफ कर दिए गए है।
योजना के तहत जिले में 175545 श्रमिकों को सरल योजना का बिल दिया जा रहा है। हर माह इसके लिए सरकार द्वारा विद्युत वितरण कंपनी को लगभग 1 करोड़ 70 लाख रुपए का अनुदान दिया जा रहा है, यानि कि 200 रुपए से ऊपर आने वाला बिजली बिल सरकार भर रही है। शहर में इस योजना के तहत 14972 घरेलू उपभोक्ताओं में से 4360 उपभोक्ता सरल बिजली योजना का लाभ उठा रहे हैं। ये आंकड़ा भी दो माह पूर्व का है, चुनाव आचार संहिता के कारण हजारों आवेदन सरल बिजली योजना के पेंडिंग पड़े हुए है। इस योजना के तहत नगर अंजड़ में 2091, अंजड़ ग्रामीण 1 और 2 सहित कुल 9111 उपभोक्ता इस योजना के तहत सस्ती बिजली उपयोग कर रहे है।
एक हजार लोड तक हितग्राहियों को मिल रहा लाभ
जानकारी के मुताबिक एक हजार वाट तक के लोड वाले हितग्राहियों को बिजली बिल माफी एवं सरल बिल योजना का लाभ दिया जा रहा है, लेकिन बिजली कंपनी द्वारा संबंधितों के मकानों में वर्तमान लोड की जांच किए बिना ही करोड़ों रुपए के बिजली बिल माफ कर दिए गए है। जानकारी के मुताबिक वर्षों पूर्व उपभोक्ताओं के बिल पर अंकित लोड के आधार पर ही बिजली बिल माफ कर दिए गए है। जबकि समय के अनुसार मकानों में बिजली उपकरणों के बढने से मकानों का बिजली लोड कई गुना तक बढ़ गया है।
सस्ती बिजली मिलने से बढ़ गई उपकरणों की संख्या
कुल उपभोक्ताओं में आधे से अधिक उपभोक्ताओं के बिल बिना किसी जांच पड़ताल के बिल पर अंकित लोड के आधार पर माफ कर दिए गए है। इसके अलावा ये उपभोक्त प्रतिमाह 200 रुपए बिल योजना का लाभ ले रहे है। जबकि इनमें से सैकड़ों उपभोक्ता ऐसे है, जो अपने मकानों मेंं निर्धारित मापदंड से अधिक बिजली का उपयोग कर रहे है। जानकारी के मुताबिक 200 प्रतिमाह बिजली बिल का भुगतान करने वाले कई उपभोक्ता एसी, कूलर, प्रेस, हीटर, फ्रीज, इडेक्सन चूल्हे, वॉशिंग मशीन, पानी की मोटर सहित अन्य कई प्रकार के बिजली उपकरणों का उपयोग कर रहे है, लेकिन कंपनी द्वारा हितग्राहियों के मकानों के लोड के जांच किए बिना ही केवल संबंल योजना के हितग्राहियों के पंजीयन कार्ड देखकर लाभ दे दिया जा रहा है।
अधिक से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ देने के मिले निर्देश
बिजली कंपनी के अधिकारी भी दबी जुबान मेंं ये मानते है कि कई अपात्रों द्वारा योजना का लाभ अनुचित रूप से लिया जा रहा है, लेकिन उनका कहना है कि उन्हें अधिक से अधिक से लोगों को योजना का लाभ देने के निर्देश मिले है। यही कारण है बिना किसी जांच किए हजारों अपात्र हितग्राही बिना किसी खौफ के योजना का लाभ उठा रहे है। जबकि अन्य उपभोक्ताओं को मंहगे दामों में मिल रही बिजली का उपयोग करना पड़ रहा है। वहीं अभी भी हजारों लोग रोज नगर पालिका और नगर परिषदों बिजली कंपनी के कार्यालयों में अपने संबल योजना में नाम आने कि राह तक रहे है। अधिकारियों के मुताबिक जिले के किसी भी हितग्राही का आवेदन निरस्त नहीं किया है। जितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त हुए थे, उन सभी को योजना के तहत लाभ दिया गया है।
अब 200 रुपए भी जमा नहीं कर रहे हितग्राही.
शासन द्वारा बिजली माफी एवं सरल बिजली बिल योजना जुलाई 2018 से लागू की गई है। योजना को लागू हुए तीन से चार माह बीतने के बाद भी अभी तक किसी भी हितग्राही के मकान के बिजली लोड की जांच नहीं की जा सकी है। इससे प्रदेश सरकार पर बिजली सब्सीडी का लोड बढ़ता जा रहा है। वहीं कहीं ना कही अप्रत्यक्ष रूप से सामान्य उपभोक्ताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार संबंल योजना के पंजीयत कई श्रमिक अभी भी सरल बिल योजना के तहत 200 रुपए प्रतिमाह जमा नहीं कर पा रहे है। कोई सपष्ट दिशा निर्देश नहीं होने के कारण अधिकारियों को भी अभी जवाब देने में सोचना पड रहा है। बावजूद इसके बिजली विभाग के कर्मचारी उनसे वसूली कर 200 रुपए जमा करा रहे है।
बिजली चोरी के प्रकरण भी लिए गए है वापस
जानकारी के मुताबिक कंपनी द्वारा जिले के हितग्राही उपभोक्ताओं के बिजली चोरी के प्रकरण वापस लिए जा चुके है। इन उपभोक्ताओं का करीब साढ़े चार करोड़ का जुर्माना भी माफ किया जा चुका है। विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि श्रमिक पंजीयन करने का काम नगर परिषद के कार्यक्षेत्र में आता है। हम सिर्फ पंजीकृत श्रमिकों और हितग्राहियों को लाभ दिलवाने का काम कर रहै है।

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