scriptन बिजली न स्कूल फिर भी सबसे बड़े अफसर बन गए छोटे से गांव के संचित | Sanchit Sharma of Dawana Barwani came on 92nd rank in UPSC | Patrika News
बड़वानी

न बिजली न स्कूल फिर भी सबसे बड़े अफसर बन गए छोटे से गांव के संचित

दवाना गांव के श्री गौड़ सेहरा ब्राह्मण समाज के युवा को यूपीएससी में 92वीं रैंक, आइआइटियन संचित दूसरे प्रयास में बने आइएएस

बड़वानीMay 24, 2023 / 11:20 am

deepak deewan

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यूपीएससी में 92वीं रैंक

बड़वानी. यूपीएससी के रिजल्ट घोषित कर दिए गए हैं। इस सिविल सेवा परीक्षा में एमपी के बड़वानी जिले के छोटे से गांव दवाना के संचित शर्मा भी चुने गए हैं। दवाना ऐसा गांव है जहां कई घंटों तक बिजली नहीं रहती है, यहां कोई अच्छा स्कूल भी नहीं है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों से निकलकर संचित शर्मा देश के सबसे बड़े अफसर यानि आइएएस बनने की राह पर हैं। संचित ने अपनी मेहनत और लगन के बलबूते ये सफलता प्राप्त की है।
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 92वीं रैंक हासिल करने में कामयाब हुए- संचित ने बहुत पहले ही आइएएस बनने की ठान ली थी। इसके लिए उन्होंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे नियमित पढ़ाई करना प्रारंभ कर दिया था। वे यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 92वीं रैंक हासिल करने में कामयाब हुए हैं। उन्होंने यह मुकाम दूसरे प्रयास में पाया है।
आइआइटी में जेईई एडवांस में 1885 रेंक प्राप्त की- संचित ने पैरामाउंट एकेडमी में 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। 12वीं की परीक्षा माइक्रो विजन एकेडमी बुरहानपुर से दी जिसमें उन्होंने 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। उन्होंने आइआइटी में जेईई एडवांस में 1885 रेंक प्राप्त की थी। दिल्ली में आइआइटी में सिविल में बीटेक किया था। मास्टर डिग्री भी आइआइटी से ही प्राप्त की थी।
संचित वर्ष 2020 से आइएएस की तैयारी करने लगे थे, सेकंड चांस में परीक्षा उत्तीर्ण की- बाद में उन्होंने आइएएस बनने के लिए यूपीएससी की तैयारी शुरु कर दी।इसके लिए रोज 12 घंटे तक पढ़ाई की। संचित वर्ष 2020 से आइएएस की तैयारी करने लगे थे। उन्होंने सेकंड चांस में ये परीक्षा उत्तीर्ण की है। संचित ने इस सफलता का श्रेय अपने पिता सुनील शर्मा, माता रेणुका शर्मा, दादा बाबूलाल शर्मा, दादा गायत्री बाई शर्मा को दिया है।
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