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मंदिर बन गया फिर एनवीडीए को याद आया जमीन का पट्टा

पुनर्वास में मंदिर के नाम पर खाली जमीन का पट्टा अन्य को देने पर विवाद, भीलखेड़ा बसावट के लोग पहुंचे भूअर्जन कार्यालय, अधिकारी से हुई बहस, भूअर्जन अधिकारी ने कहा पंचायत कौन होती ठहराव प्रस्ताव कराने वाली

बड़वानीDec 21, 2018 / 10:58 am

मनीष अरोड़ा

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. पुनर्वास और भूअर्जन को लेकर एनवीडीए की कार्यशैली हमेशा विवादित रही है। एक ही पट्टे को तीन-तीन लोगों में बांटने के बाद अब नया मामला मंदिर की जमीन के पट्टे देने पर विवाद की स्थिति बनती नजर आ रही है। एनवीडीए को ये पट्टे भी तब याद आए जब इन पट्टों पर पांच मंदिर बनकर खड़े हो गए। मामला भीलखेड़ा बसावट का है। यहां मंदिर निर्माण होने के बाद एनवीडीए द्वारा कुछ लोगों को इस जगह का पट्टा दिए जाने की जानकारी मिलने के बाद बसावट के लोग एनवीडीए भूअर्जन कार्यालय पहुंचे और मंदिर के पट्टे देने की मांग की। इस बात को लेकर भूर्जन अधिकारी और ग्रामीणों के बीच तीखी बहस भी हुई।
ग्रामीण राजेंद्र अवास्या ने बताया कि भीलखेड़ा मूलगांव को विस्थापित करने के बाद मंदिरों के लिए 60 बाय 90 के पांच प्लाट आरक्षित किए गए थे। ये कार्रवाई मौखिक रूप से हर भूअर्जन अधिकारी बताता रहा, लेकिन पट्टे नहीं मिले। यहां वर्ष 2014 में ग्रामीणों द्वारा आपस में 7 लाख रुपए एकत्रित कर पांच मंदिरों का निर्माण भी कर दिया गया। जिसके लिए भूअर्जन कार्यालय से भी मंदिर निर्माण के लिए दो लाख रुपए की राशि भी दी गई थी। अब जानकारी मिली है कि इन मंदिरों के पास बचे तीन प्लाटों के पट्टे जारी किए जा रहे है, जो कि गलत है।
पंचायत कोई मालिक नहीं, मैं बांटूंगी पट्टे
ज्ञापन देने पहुंचे ग्रामीणों और भूअर्जन अधिकारी जानकी यादव के बीच पट्टे आवंटन को लेकर जमकर बहस हुई। ग्रामीणों के साथ आए समाजसेवी संजय गुप्ता ने कहा वर्ष 1999 से इन पांच प्लाटों के पट्टे मंदिर के नाम से आरक्षित किए है। अधिकारियों की सहमति से ही मंदिर का निर्माण किया गया और बकायदा इसके लिए पंचायत में ठहराव प्रस्ताव भी पास किया गया। भूअर्जन अधिकारी जानकी यादव का कहना था कि पंचायत कौन होती है ठहराव प्रस्ताव बनाने वाली, पंचायत कोई मालिक नहीं है। जो भी पट्टे बांटना होंगे वो मैं बांटूंगी। इस बात को लेकर ग्रामीणों ने आपत्ति ली। जिसके बाद भूअर्जन अधिकारी ने कहा कि मुझे आए चार माह ही हुए है। मैं अभी तक निर्वाचन में लगी थी। अब मैं रिकार्ड देखकर जो भी उचित कार्रवाई होगी करुंगी।
नए नियम के तहत हुए थे प्रस्ताव
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत को पुनर्वास स्थलों पर कार्य कराने के लिए सरकार द्वारा नियम बनाए गए है। जिसमें सारे अधिकार पंचायत को दिए गए है। ग्रामीण राजेंद्र अवास्या और मयाबाई ने बताया कि नए नियम के तहत 15 अगस्त 2018 को ठहराव प्रस्ताव करते हुए भीलखेड़ा पुनर्वास स्थल पर भूखंड क्रमांक 48 पर माता का मंदिर, भूखंड क्रमांक 49 पर बजरंग मंदिर, 36 पर देव स्थान, 37 पर शिवमंदिर व 35 पर सार्वजनिक हौज निर्माण का प्रस्ताव पारित किया, जिनके पट्टे की मांग की जा रही है।
बिना अनुमति के बना दिया मंदिर
मंदिर के लिए जमीन नही दी गई है। वो जमीन किसी ओर को आवंटित की गई है। जिस पर बिना अनुमति के मंदिर बना दिया गया है। हमारे पास आवेदन आया है, जांच कराकर निराकरण करेंगे। मंदिर के लिए जमीन दी गई है तो इनके पास कोई रिकार्ड तो होना चाहिए। हम रिकार्ड देखेगे।
जानकी यादव, भूअजर्न अधिकारी एनवीडीए

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