जब सरदार सरोवर बांध बना तो बड़वानी के पास का राजघाट कुकरा गांव भी डूब गया। यहां के घर, खेत खलिहान सब अथाह पानी में डूब गए। कई बार पानी उतरने के बाद ये मकान दोबारा निकल आते हैं। ऐसा ही कुछ इस कार के भी साथ हुआ है। पिछले सात साल से यह कार पानी में डूबती है और कुछ माह के लिए बाहर निकल आती है।
बताते हैं कि 2017 में सरदार सरोवर का पानी रोकते ही यहां के लोगों ने गांव खाली कर दिया। राधेश्याम केवट ने भी गांव छोड़ा और अपनी कार भी यहीं खड़ी करके चले गए। उस समय कार चालू कंडीशन में थी लेकिन केवट के पास इतना पैसा नहीं बचा था कि उसे चला सकें।
बांध का पानी भरते ही कार भी उसमें डूब गई पर हर साल पानी उतरते ही यह कार निकल आती है। कार कंडम हो चुकी है पर धीरे धीरे इसकी प्रसिद्धी बढ़ने लगी। नर्मदा के राजघाट आनेवाले लोगों को यह लुभाने लगी। लोग इस कंडम कार के साथ सेल्फी लेते और रील बनाते हैं।
कार के मालिक राधेश्याम केवट के पुत्र प्रकाश बताते हैं पिता ने सेकंड हैंड कार खरीदी थी। गांव डूब जाने के कारण उन्हें गुजरात जाना पड़ा जहां कार रखने की जगह ही नहीं थी, इसलिए उसे राजघाट में ही छोड़ गए थे। माली हालत खराब हो जाने से उनके पिता बाद में कार सुधरवा तक नहीं सके। यही कारण है कि कार अभी तक उनके खलिहान में ही खड़ी है। कई लोगों ने इसे कबाड़ में खरीदने की इच्छा जताई पर पिताजी ने नहीं बेची।