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बड़वानी

हाईवे पर हादसा : ट्रकों में भिड़ंत, दोनों चालकों की मौत

पुलिस ने ट्रकों में फंसे चालकों को निकाला बाहर, अंधे मोड़ लोगों के लिए बन रही परेशानी

बड़वानीDec 09, 2018 / 11:14 am

मनीष अरोड़ा

Truck drivers killed in both vehicles

Truck drivers killed in both vehicles

ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी/सिलावद. बड़वानी-सेंधवा स्टेट हाईवे क्रमांक 39 पर शुक्रवार रात्रि 2 ट्रकों में हुई भिड़ंत में दोनों वाहनों के चालकों की मौत हो गई। घटना देर रात करीब 11.30 बजे सिलावद से तीन किमी दूर स्थित कालाखेत ग्राम की है। वाहनों में भिड़ंत के बाद एक चालक की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दूसरे चालक ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलते ही सिलावद पुलिस मौके पर पहुंची और ट्रकों में फंसे चालकों को बाहर निकाला। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वाहनों का अगला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार रात्रि 11.30 बजे के करीब मूंगफली से भरे ट्रक क्रमांक एमपी 09 एचजी 7121 की सामने से गन्ना भरकर आ रहे ट्रक क्र. एमएच 18 एए 1077 से भिड़ंत हो गई। हादसे में चालक दिनेश पिता कुशलसिंह भिलाला निवासी बड़ी खट्टाली (जोबट) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं दूसरे ट्रक के चालक विनोद पिता पुंडलिक पाटील निवासी दभासी थाना नरदाना महाराष्ट्र ने जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया। उल्लेखनीय है कि घटनास्थल पर एक खतरनाक अंधा मोड़ है। जहां पर ये हादसा हुआ है। फिलहाल दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन ये अंधा मोड़ भी इस हादसे की वजह बताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। घटना की जांच की जा रही है।
57 किमी लंबे हाईवे पर अनगिनत अंधे मोड़
करीब 5 वर्ष पूर्व 102 करोड़ की लागत से बने 57 किमी लंबे बड़वानी-सेंधवा स्टेट हाईवे क्र. 39 पर अनगिनत अंधे मोड़ है। ये हाईवे मध्यप्रदेश को गुजरात और महाराष्ट्र से सीधे जोड़ता है। इससे चौबीसों घंटे हाईवे पर वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। मार्ग पर जगह-जगह अंधे मोड़ होने से आए दिन दुर्घटनाएं होते रहती है, लेकिन अभी तक जिम्मेदारों ने मार्ग के अंधे मोड़ खत्म करने की सुध नहीं ली है।
किलर हाईवे का रूप लेते जा रहा राज्यमार्ग
स्टेट हाईवे का दर्जा मिलने के बाद सिंगल लेन से टू लेन हुए इस मार्ग पर अभी तक सैकड़ों छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी है। इनमें कई लोग असमय काल का ग्रास बन चुके है। अब तो इस मार्ग की पहचान किलर हाईवे के रूप में होने लगी है। इन दुर्घटनाओं के पीछे ज्यादातर वजह मार्ग के अंधे मोड़ ही रहे है। वाहनों की तेज रफ्तार और अंधे मोड़ के कारण दुर्घटनाओं का ग्रॉफ तेजी से बढ़ रहा है।

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