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बड़वानी

पेंशन दिलाने के नाम पर महिला का थम्ब, आधार नंबर लिया और धोखाधड़ी से निकाले 8 7 हजार रुपए

खाते में आए थे मुआवजे के 6 0 लाख, बैंक में एफडी करने सेे राशि बच गई, महिला ने थाने पर शिकायत की, टीआई ने सायबर सेल को मामला सौंपा

बड़वानीJan 31, 2019 / 10:56 am

मनीष अरोड़ा

Woman's thumb in the name of giving pension

Woman’s thumb in the name of giving pension

खबर लेखन : मनीष अरोरा
ऑनलाइन खबर : विशाल यादव
बड़वानी. विधवा महिला के खाते से धोखाधड़ी से 8 7 हजार रुपए निकलने का मामला सामने आया है। विधवा पेंशन दिलाने के नाम पर बदमाशों ने महिला का थम्ब, आधार नंबर लिए और धोखाधड़ी से खाते की पूरी राशि निकाल ली। खाते से पांच दिनों में पूरी राशि निकाली गई है। महिला बैंक में रुपए निकालने पहुंची तो पता चला बैंक में जीरो बैलेंस है। यह देखकर महिला सख्ते में आ गई और परिजनों को जानकारी दी।
महिला के खाते में मुआवजा राशि के पिछले साल ही 6 0 लाख रुपए डले थे। मुआवजे की राशि बैंक में एफडी कराने से महिला को लाखों की चपत नहीं लगी। खाते में मुआवजा राशि अब तक होती तो महिला लाखों रुपए धोखाधड़ी की शिकार होती। बुधवार को थाने पर महिला नेे परिजनों के साथ पहुंचकर शिकायती आवेदन दिया। जिस पर थाना प्रभारी राजेश यादव ने सायबर सेल को मामला जांच के लिए दिया। टीआई ने कहा कि बैंक से खाते की पूरी जानकारी ली जाएगी। इसके बाद टेक्निकल रुप से जांच पड़ताल की जाएगी। थाने पर दिए शिकायती आवेदन में महिला सुनीता पति करण उचवारे निवासी ग्राम अवल्दा ने बताया कि उनका खाता जिला मुख्यालय एमजी रोड स्थित एसबीआई बैंक में खाता है। खाते मेंं उनके साथ उनके दोनों अवयस्क पुत्र विजय, चंदन के नाम भी दर्ज है। पास बुक इंट्री के अनुसार बैंक खाते से 22 जनवरी को 15 हजार, 23 जनवरी को 15 हजार, 24 जनवरी को 25 हजार, 25 जनवरी को 25 हजार व 26 जनवरी को 7 हजार कुल 8 7 हजार रुपए निकाले गए। यह राशि कियोस्क एईपीएस ओफ्स मीरे 1099 व फीआ टेक्नोलॉजी सर्विसेस के माध्यम से अनिता बिसन नाम के पांच खातों में ट्रांसफर हुई है। जबकि मेरे नाम से एटीएम व चेकबुक भी जारी नहीं हुई है।
पेंशन बढ़ाने के नाम से थंब लिया
महिला सुनीता बाई ने पुलिस को बताया कि 22 जनवरी को वे घर पर अकेली थी। घर पर दो युवक बाइक से आए और शासकीय योजनाओं की जानकारी देने लगे। इसके बाद पेंशन राशि बढ़ाने के लिए मेरा थम्ब व आधार कार्ड के नंबर मांगे तो मैंने शासकीय कर्मचारी समझकर दे दिए। थम्ब लेने के लिए उन्होंने रबड़ या मोम पर लिया। जिससे मेरी उंगली के निशान आ गए। इसके बारे में पूंछने पर बातों में बहलाकर और पेंशन बढ़कर मिलने का बोलकर चले गए। मेरे खाते में 8 7 हजार रुपए थे। इसके पहले खाते में मुआवजा राशि के 6 0 लाख थे। एक लाख खाते में थे बाकि की एफडी कर व अन्य कामों में खर्च हो गए। महिला के भाई प्रकाश चौहान ने बताया कि बहन ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है। इसके बाद भी गांवों में कई लोग शासकीय योजनाओं के नाम पर घर-घर जाकर सारी जानकारियां ले रहे हैं। ऐसे में ग्रामीण इस तरह के बहकावे में आकर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इस धोखाधड़ी में कोई नजदीक का सख्त हो सकता हैं। पुलिस से इस मामले का जल्द ही खुलासा करने की मांग की हैं।

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