scriptWomen Hospital Barwani में प्रसव के साथ प्रसूताएं सह रही दचकों का दर्द | Women Hospital Barwani not started in OT | Patrika News
बड़वानी

Women Hospital Barwani में प्रसव के साथ प्रसूताएं सह रही दचकों का दर्द

एक माह में भी नहीं शुरू हुई महिला अस्पताल की ओटी, सीजर के लिए प्रसूताओं को ले जाना पड़ रहा जिला अस्पताल, स्ट्रेचर और एंबुलेंस में करना पड़ रहा 300 मीट

बड़वानीNov 14, 2017 / 11:23 am

मनीष अरोड़ा

Women Hospital Barwani not started in OT

Women Hospital Barwani not started in OT

बड़वानी.जिला अस्पताल का महिला अस्पताल एक ऐसा अस्पताल जहां गर्भवती को सीजर के दर्द के साथ रोड के गड्ढों का भी दर्द सहन करना पड़ रहा है। सीजर ऑपरेशन से पहले और ऑपरेशन के बाद प्रसूताएं दचकों का दर्द भी सह रही है। वो भी सिर्फ इसलिए कि महिला अस्पताल की ओटी बंद पड़ी हुई है। एक माह से अधिक समय बीत चुका है और अस्पताल प्रशासन बंद पड़ी ओटी की सुध लेने को तैयार नहीं है। जिसके चलते यहां प्रसव के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल ले जाया जा रहा है।


निर्माण कार्य की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है
महिला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर को छत का पीओपी गिरने के बाद बंद हुए एक माह से अधिक का समय बीत चुका है। एक माह से महिला अस्पताल से गर्भवती महिलाओं को सीजर ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल की ओटी में ले जाया जा रहा है। जिसके लिए पहले तो गर्भवती को महिला अस्पताल से स्ट्रेचर और एंबुलेंस के जरीए जिला अस्पताल ले जाना पड़ रहा है। वहां भी स्ट्रेचर से ओटी तक ले जाया जाता है। ये प्रक्रिया प्रसव के बाद भी प्रसूता को झेलनी पड़ रही है। महिला अस्पताल और जिला अस्पताल की दूरी करीब 300 मीटर से ज्यादा है। स्ट्रेचर और एंबुलेंस के सफर में प्रसूता को दचकों का दर्द भी ऑपरेशन के दर्द के साथ उठाना पड़ रहा है। एक माह से अधिक समय होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने महिला अस्पताल की ओटी को शुरू कराने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि निर्माण कार्य की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी की है। देरी उनकी ओर से हो रही है।


चार जिलों से आती गर्भवती महिलाएं
बड़वानी जिला अस्पताल में बड़वानी के साथ ही आसपास के जिलों के मरीज भी आते है। धार, अलीराजपुर, झाबुआ और खरगोन से भी महिलाएं बड़वानी जिला अस्पताल में प्रसव के लिए आती है। महिला अस्पताल में प्रतिदिन 20 सामान्य प्रसव और 3 सीजर ऑपरेशन से डिलिवरी होती है। इस माह का आंकड़ा देखे तो अब तक 530 डिलिवरी महिला अस्पताल में हो चुकी हैं। वहीं, एक माह में 73 सीजर ऑपरेशन से डिलिवरी कराई गई है।


सांसद भी जता चुके नाराजगी
महिला अस्पताल की अव्यवस्थाएं किसी से छिपी नहीं है। शनिवार को ही यहां सांसद सुभाष पटेल ने औचक निरीक्षण किया था और अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई थी। पूर्व में भी यहां कई ऐसी घटनाएं घट चुकी हैं, जो अखबारों की सुर्खियां बनी थी। बावजूद इसके महिला अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही है। अब एक माह से बंद पड़ी महिला ओटी को लेकर एक बार फिर महिला अस्पताल चर्चा में है।


अस्पताल में भी एक ही स्ट्रेचर
जिला अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में एक ही स्ट्रेचर लगी हुई है। यहां गंभीर बीमार, दुर्घटनाओं में घायल भी सीधे इमरजेंसी कक्ष में पहुंचते है। इमरजेंसी कक्ष की स्ट्रेचर से ही गर्भवती महिलाओं को ऑपरेशन के लिए ले जाया जाता है और ऑपरेशन के बाद एंबुलेंस तक छोड़ा जाता है। यहां एक ही स्ट्रेचर होने से कई बार ऐसी स्थिति भ्ीा बनती है जिसमें या तो गंभीर बीमार, घायल या गर्भवती महिला को इंतजार करना पड़ता है।


पीडब्ल्यूडी कर रहा निर्माण
महिला अस्पताल की ओटी का पीओपी गिर गया था, जिसके कारण बंद है। यहां पीडब्ल्यूडी द्वारा काम कराया जा रहा है। काम में देरी क्यों हो रही है, इसकी जानकारी पीडब्ल्यूडी दी दे पाएगा।
-डॉ. अनिता सिंगारे, सिविल सर्जन जिला अस्पताल


फैक्ट फाइल…
09 अक्टूबर से बंद है महिला अस्पताल की ओटी।
73 सीजर ऑपरेशन हो चुके इस अवधि में।
03 सीजर औसतन हो रहे रोजाना।
04 जिलों से महिलाएं आती प्रसव के लिए।
20 सामान्य प्रसव कराए जा रहे प्रतिदिन।

Home / Barwani / Women Hospital Barwani में प्रसव के साथ प्रसूताएं सह रही दचकों का दर्द

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो