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बस्सी

Killer point: ये कैसा हाइवे…25 किमी में 12 किलर पॉइंट्र

12 Killer Points in 25 km… तकनीकी खामियों से टूट रही जीवन की डोर

बस्सीSep 17, 2019 / 12:09 am

Teekam saini

Killer point: ये कैसा हाइवे...25 किमी में 12 किलर पॉइंट्र

Killer point: ये कैसा हाइवे…25 किमी में 12 किलर पॉइंट्र

बस्सी (Killer point). चक रोड पर सारण तिराहा, दामोदरपुरा मोड़ और तूंगा का मुख्य बस स्टैंड, तो तीन उदाहारण मात्र हैं। बस्सी से होकर गुजर रहे जयपुर-गंगापुरसिटी स्टेट हाइवे पर ऐसे दुर्घटना संभावित पॉइंट (Killer point) दर्जनभर से अधिक हैं। जेडीए और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन इस स्टेट हाइवे का 25 किमी का मार्ग बस्सी उपखंड क्षेत्र से गुजर रहा है। इस पर ब्लॉक के 50 से अधिक गांव-ढाणियों के रास्ते जुड़े हुए हैं। इन रास्तों के मोड़ पर संकेतक (Indicators), ब्रेकर और डिवाइडर नहीं है। ऐसे में ये पॉइंट (Killer point) आए दिन राहगीरों को चोट दे रहे हैं। जान भी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भी माना है कि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण यातायात संकेतकों (Indicators) का अभाव, स्पीड ब्रेकरों की कमी और उनकी जर्जर हालत है। बावजूद इसके जेडीए इस स्टेट हाइवे की सुध नहीं ले रहा है।
कृषि अनाज मंडी तक ही डिवाइडर
जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित बस्सी चक से 130 किमी लम्बे जयपुर-गंगापुर स्टेट हाइवे नंबर 24 की सीमा शुरू हो जाती है। स्टेट हाइवे पर बस्सी उपखंड का अंतिम गांव सांवलियावाला पड़ता है। इससे आगे लालसोट का क्षेत्र आ जाता है। बस्सी उपखंड से सांवलियावाला गांव की दूरी करीब 25 किलोमीटर है। इस पर केवल चक से बस्सी कृषि अनाज मंडी तक ही डिवाइडर है। इससे आगे डिवाइडर नहीं होने से आए दिन दुर्घटनाएं होती रही हैं। जहां कहीं डिवाइडर, यातायात संकेतक और ब्रेकर है, तो वे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।
कट बंद हों तो रुके दुर्घटनाएं
चक रोड पर सड़क दुर्घटनाओं (Accidents) पर अंकुश लगाने के लिए तीन साल पहले जेडीए द्वारा बस्सी रेलवे फाटक संख्या 200 से अनाज मंडी तक डिवाइडर बनाया गया था। इसके बाद डिवाइडर की मरम्मत नहीं की गई। चालक डिवाइडर से वाहनों को पार करते हैं। इसके चलते अन्य वाहनों से जा टकरा जाते हैं। उन्हें अस्पताल की राह देखनी पड़ती है। इन डिवाइडरों के लगे यातायात संकेतक भी क्षतिग्रस्त हो चुके है।
जरूरी हो गए हैं यातायात संकेतक
उपखंड क्षेत्र तक स्टेट हाइवे पर कहीं पर भी यातायात संकेतक (Indicators) व ब्रेकर नहीं हैं। सबसे अधिक परेशानी प्रमुख चौराहों और तिराहों पर हो रही है। ये दुर्घटना संभावित क्षेत्र कहलाने लगे हैं। चारणवास निवासी रामकेश मीणा ने बताया कि स्टेट हाइवे के घुमावों पर न तो संकेतक लगे हुए हैं और न ही रिफ्लेक्टर। स्थानीय लोग तो जैसे तैसे बचकर निकल जाते हैं, लेकिन अनजान व्यक्ति घुमावों के बारे में नहीं जान पाते और वे दुर्घटना (Accidents) के शिकार हो जाते हैं।
ग्रामीण इन्हें कहते हैं ‘किलर’ पॉइंट
स्टेट हाइवे पर बस्सी से तूंगा तक कई किलर पॉइंट (Killer point) हैं। इनमें बस्सी थाने के आसपास, सारण तिहारा, गंगाधाम मोड़, न्यू बस स्टैंड, बिदाजी तिराहा, मुख्य बस स्टैंड, तूंगा रोड पर राजा बड़ तिराहा, अनाज मंडी के सामने, टमाटर मंडी के सामने, बलबेरी मोड़, देवगांव मोड़, दामोदरपुरा मोड़, टोडा भाटा घुमाव पर दुर्घटनाएं (Accidents) होती रहती हैं।
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