पुराणों के अनुसार करीब 4 माह पूर्व आषाढ़ मास की देवशयन एकादशी पर देव सो जाते हैं जो कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को उठते है। इसके साथ शुभ कार्य शुरू हो जाते है। इस महिने मेंं २५ नवंबर के अलावा 27 व 30 नवंबर के सावे है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते विवाह शादियों में कई तरह की बंदिशे लगाई गई है। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना अनिवार्य की गई है।
एसडीएम सुनीता मीणा ने बताया कि विवाह शादी सहित अन्य समारोह के दौरान गाइडलाइन का उल्लघंन करने पर जुर्माने के अलावा विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। समारोह स्थल पर सोशल डिस्टेसिंग की पालना, मास्क लगाने व सेनेटाइजर की उपलब्धता अनिवार्य की गई है।
देव उठनी एकादशी पर तुलसी व शालीग्राम के विवाह की परम्परा है। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते क्षेत्र में शालीग्राम व तुलसी विवाह नहीं हो रहे है। पुराणों की मान्यता के अनुसार यह विवाह करने से पुण्य व सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।