सरपंच सुशीला शर्मा ने बताया कि पंचायत क्षेत्र के गोपीपुर में कई दिनों से बघेरे की आवाजाही के कारण लोग दहशत में थे। एक पशुपालक की बकरी का शिकार करने के बाद वन विभाग ने बघेरे को पकडऩे के लिए पिंजरा लगाया। मंगलवार रात को भोजन की तलाश करते हुए बघेरा पिंजरे में कैद हो गया। सूचना पर एसडीएम राजवीरसिंह यादव, वन विभाग कोटपूतली एसीएफ अनिल यादव, पावटा रेंजर सुमेरसिंह शेखावत, रेंजर मनोज मीणा मौके पर पहुंचे। रेजर ने बताया कि टीम ने बघेरे को छोडऩे के लिए जमवारामगढ वन क्षेत्र चुना, लेकिन वन अधिकारियों ने बघेरे को छोडऩे की मनाही करने के बाद टीम ने बघेरे को सरिस्का अभ्यारण्य क्षेत्र में छोड़ा।
पूर्व सरपंच लालचंद शर्मा ने बताया कि बघेरे ने एक पशुपालक के बाड़े में घुसकर एक बकरी का शिकार किया था। इसके बाद पिंजरा लगाया गया। इससे पहले भी बघेरे ने पावनधाम की गौशाला में घुसकर दो गायों, बाल आश्रम की गौशाला में भी घुसकर गायों का शिकार किया था।