पैथी के जानकार की आवश्यकता
जनता के स्वास्थ्य के लिए एक कुशल व प्रशिक्षित किसी भी पैथी के जानकार की आवश्यकता होती है। एलोपैथी में एमबीबीएस व एमएस करने वाले छात्र 9 वर्ष में शल्य चिकित्सा सीख पाते हैं, वह आयुर्वेद छात्रों को 3 वर्ष में सीखने की अनुमति देकर अकुशल चिकित्सक थोपने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मिक्सापैथी से आयुर्वेद विज्ञान का भी मिलावट के कारण नष्ट हो जाना तय है।
जनता के स्वास्थ्य के लिए एक कुशल व प्रशिक्षित किसी भी पैथी के जानकार की आवश्यकता होती है। एलोपैथी में एमबीबीएस व एमएस करने वाले छात्र 9 वर्ष में शल्य चिकित्सा सीख पाते हैं, वह आयुर्वेद छात्रों को 3 वर्ष में सीखने की अनुमति देकर अकुशल चिकित्सक थोपने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि मिक्सापैथी से आयुर्वेद विज्ञान का भी मिलावट के कारण नष्ट हो जाना तय है।
स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़
साथ ही अकुशल डॉक्टर्स बनाकर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की जा रही है, यह सरकार के लिए भी उचित नहीं है। कभी ब्रिज कोर्स द्वारा डॉक्टर्स बनाना और नीम हकीमों को रजिस्टर्ड डिग्री देकर स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना गलत है। इय दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभी चिकित्सकों ने चिकित्सकीय कार्य का बहिष्कार कर विरोध जताया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शाहपुरा के सचिव डॉ. रजनीश शर्मा, डॉ. महेश मौर्य, डॉ. रामजीलाल चौधरी व अन्य सदस्यों ने विरोध जताया।
साथ ही अकुशल डॉक्टर्स बनाकर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की जा रही है, यह सरकार के लिए भी उचित नहीं है। कभी ब्रिज कोर्स द्वारा डॉक्टर्स बनाना और नीम हकीमों को रजिस्टर्ड डिग्री देकर स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना गलत है। इय दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सभी चिकित्सकों ने चिकित्सकीय कार्य का बहिष्कार कर विरोध जताया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन शाहपुरा के सचिव डॉ. रजनीश शर्मा, डॉ. महेश मौर्य, डॉ. रामजीलाल चौधरी व अन्य सदस्यों ने विरोध जताया।