बस्सी कस्बे में अनाज मंडी के समीप किराने की दुकान करने वाले रामगोपाल शर्मा ने बताया कि 20 अक्टूबर शाम के समय एक अनजान युवक आया और दस किलो आटे का कट्टा लेकर क्यूआर कोड स्कैन कर 340 रुपए का मैसेज दिखाकर चला गया। जब दुकानदार ने कुछ देर बाद अपने मोबाइल पर बैंक खाते का बैलेंस चैक किया तो उसमें पता चला कि उसमें राशि ही नहीं आई।
सब्जी मंडी के समीप सब्जी की दुकान लगाने वाला कानाराम मीणा ने बताया कि 20 अक्टूबर रात 9 बजे एक युवक आया और उसने सब्जी खरीदकर क्यूआर स्कैन कर पैसे डालने का मैसेज दिखाया। जब बाद में उसका बैंक बैलेंस चेक किया तो खाते में पैसा ही नहीं आया।
कानोता थाना इलाके के नायला में पिछले दिनों एक महिला ने दुकानदार से 95705 रुपए की ठगी कर ली। दुकानदार कमलेश झालानी ने कानोता थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई है। उसने दुकानदार से कहा था कि उसका बेटा बीमार है, डॉक्टर को 1599 रुपए डालने है, वह उसको नकद दे देगी। उसने दुकानदार का क्यूआर स्कैन कर 1599 रुपए ऑनलाइन कर दिए और दुकानदार को नकद दे दिए। लेकिन बाद में दुकानदार ने बैंक खाते का मैसेज चेक किया तो दस बार में उसके बैंक खाते से 95705 रुपए निकले दिखाई दिए।
सूत्रों के अनुसार साइबर ठग मोबाइल में फर्जी लिंक से असली जैसी एप डाउनलोड कर लेते हैं। इसके बाद वे लोगों को दुकानदारों एवं लोगाें के क्यूआर स्कैन कर लेते हैँ। पीडि़त का क्यूआर स्कैन करते ही उसका नाम साइबर ठग को पता चल जाता है। इसके बाद वह मोबाइल की स्क्रीन में उसका नाम लिखकर राशि भरकर मैसेज दिखा देते हैं। एक फर्जी एप में असली जैसा ही मैसेज आ जाता है, लेकिन पीडित के बैंक अकाउंट में राशि नहीं आती है।
साइबर ठगों से बचने के लिए लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुकानदार को अपनी मशीन रखनी चाहिए, जिसमें कोई ग्राहक ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करता है तो वह मशीन तुरंत बता देती है। ऐसे में मशीन रखनी चाहिए या फिर बैंक खाते का मैसेज भी चैक कर लेना चाहिए ताकि वह ठगी से बच सके।
एक ऐसी एप आई है जिसमें साइबर ठग ने किसी दुकानदार से सामान खरीदा और एप से दुकानदार को पैसे ट्रांसफर करने का मैसेज कर दिया। यह मैसेज दुकानदार के मोबाइल पर आ जाता है और 30 सैकण्ड तक रहता है, उसके बाद मैसेज स्वत: ही डिलीट हो जाता है। तब तक साइबर ठग फरार हो जाता है।