
कोटपूतली बने जिला, सीवरेज की मिले मंजूरी
कोटपूतली. विधानसभा चुनाव की तिथि घोषित होते ही टिकट मांगने वाले दावेदार सक्रिय हो गए हैं। विधानसभा क्षेत्र के विकास का खाका तैयार किया जा रहा है। कांग्रेस व भाजपा दोनों ही दलों के दावेदारों का कहना है कि कोटपूतली को जिला एवं सीवरेज लाइन की स्वीकृति प्राथमिकता होगी। यदि चुनाव जीतकर जयपुर पहुंचे तो यह होगा उनका विजन...
कोटपूतली विधानसभा सीट से कांग्रेस का टिकट मांग रहे विधायक राजेन्द्र यादव, रामस्वरूप कसाना व भीम पटेल का कहना है कि क्षेत्र में बेराजगार युवाओं को राजेगार मुहैया कराने के लिए यहां बड़ी औद्योगिक इकाइयों की जरूरत हैं। औद्योगिक विकास के साथ नई औद्योगिक इकाई शुरू करवाने का प्रयास करेंगे। कोटपूतली को जिला एवं सीवरेज लाइन की मंजूरी दिलवाई जाएगी। राजकीय बीडीएम अस्पताल में आसपास के कई तहसीलों के अलावा हरियाणा के कई गांवों से भी रोगी उपचार के लिए आते हैं, लेकिन हृदय रोग विशेषज्ञ, तंत्रिका रोग विशेषज्ञ, कैंसर विशेषज्ञ व चर्म रोग विशेषज्ञ सहित अन्य कई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने से परेशानी होती है। अस्पताल को 300 बैड में अपगे्रड करवाकर जिला स्तरीय अस्पताल का दर्जा दिलाने का प्रयास करेंगे, ताकि रोगियों को उपचार के लिए जयपुर नहीं जाना पड़े। भाजपा के दावेदार बनवारी यादव, मुकेश गोयल, अतरसिंह भड़ाना, हंसराज पटेल, शंकरलाल कसाना व यादराम का कहना है कि क्षेत्र के लोग लम्बे समय से कोटपूतली को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन जिला घोषित नहीं होने से इसका विकास अवरुद्ध हो रहा है। विधायक निर्वाचित होने पर जिला घोषित करवाने के प्रयास किए जाएंगे। कस्बे में स्वीकृत सीवरेज लाइन के रद्द होने से लोगों को परेशानी हो रही है। सीवरेज के अभाव में गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। इसे पुन: स्वीकृत करना प्राथमिकता होगी। दूर दराज के गांवों में दसवीं तक ही स्कूल होने से क्षेत्र के बालकों को उच्च शिक्षा के लिए परेशानी होती है। बालिकाएं गांव से दूर जाने में झिझक महसूस करती हैं। ऐसे में शिक्षा सुविधाओं में विस्तार के लिए स्कूलों को क्रमोन्त करवाकर व जरूरत के अनुसार नए स्कूल खुलवाना जरूरी है। विधानसभा क्षेत्र में वैसे तो तीन थाने हो गए, लेकिन इनमें पुलिस कर्मियों की संख्या जरूरत के अनुसार कम होने से परेशानी होती है। इसलिए बेहतर कानून व्यवस्था के लिए जरूरत के अनुसार पुलिसकर्मी व अन्य अधिकारियों के पद होना जरूरी है।
टिकट दावेदारों की दिल्ली-जयपुर की कदमताल शुरू
कोटपूतली. विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक दलों के टिकट दावेदारों की जयपुर दिल्ली की भागदौड़ शुरू हो गई है। टिकट के दावेदारों को से मोबाइल फोन पर बात करने पर दिल्ली व जयपुर में होने की जानकारी मिलती है। इन्होंने अपने-अपने आकाओं से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया। कोटपूतली में कांग्रेस व भाजपा ही प्रमुख रूप सक्रिय हैं, लेकिन भाजपा से दावेदारी जताने वालों की संख्या अधिक है। कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को मुद्दा बना रही है तो भाजपा का फोकस सरकार के कामकाज व विकास पर रहेगा, लेकिन क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशियों और पार्टियों की रीति नीतियों के बजाय जातिगत मुद्दे अधिक हावी रहते हैं। तीसरे विकल्प में निर्दलीय प्रत्याशी सहित अन्य छोटे दलों के दावेदार भी तैयारियों में जुटे हुए हंै।
रणनीति बनाने में जुटे दावेदार
विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 7 दिसम्बर को होना है। राजनीतिक दलों के रणनीतिकार भी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही नामांकन में ज्यादा समय नहीं बचने कारण चुनावी गतिविधियों में भी तेजी आने की उम्मीद है।
फैक्ट फाइल
विधायक : राजेन्द्र यादव, कांग्रेस
निकटवर्ती : बनवारी यादव, भाजपा
जीत का अंतर : 24157 मत
कुल मतदाता 2013 में : 176992
कुल मतदान केन्द्र 2013 में : 204
टिकटों के लिए रहेगी रस्साकशी
दोनों दलों में ही टिकट को लेकर रस्साकशी रहेगी। भाजपा में दावेदारों की संख्या अधिक होने से टिकट का फैसला देरी से होने की संभावना है। नवम्बर माह में नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी है। इस कारण कांग्रेस व भाजपा समेत अन्य प्रमुख दलों के प्रत्याशी चयन के लिए एक महीने से कम समय बचा है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल सर्वे भी करा रहे हैं और अलग-अलग स्तर से दावेदारों के फीडबैक ले रहे हैं। मजबूत प्रत्याशी का चयन करना दोनो दलों के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा।
Published on:
10 Oct 2018 05:00 pm
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