scriptमुनीमजी की जगह अब कम्प्यूटर | Computer now in place of accountant | Patrika News

मुनीमजी की जगह अब कम्प्यूटर

locationबस्सीPublished: Nov 13, 2020 11:08:52 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

आधुनिकता की रफ्तार से दौड़ती जिंदगी में बदलाव की बयार के कारण बहीखाता का क्रेज हुआ कम, कम्प्यूटर पर होता अब हिसाब-किताब

मुनीमजी की जगह अब कम्प्यूटर

मुनीमजी की जगह अब कम्प्यूटर,मुनीमजी की जगह अब कम्प्यूटर

रेनवाल मांजी। आधुनिकता में रफ्तार से दौड़ती जिंदगी में बदलाव की बयार के चलते मुनीम को कम्प्यूटर ऑपरेटर व बहीखाता का पूजन करने तक सीमित कर दिया हैं। इन्हीं कारणों के चलते दीपावली पर बहीखाता खरीदने का क्रेज कम हो रहा हैं।
हालात ये हो गए है कि दुकानदार या व्यापारी महज पूजन के लिए बहीखाता खरीदते हैं। इससे बाजार से बहीखाता का कारोबार कमजोर पड़ता जा रहा हैं। इकाउंटिग अब कम्प्यूटर पर होने से मुनीम ऑपरेटर की भूमिका में आ गए हैं।
मुश्किल से 8-10 बिक पाती
दीपावली पर पंसारी की दुकान पर थोक व बड़े कारोबारियों के यहां छोटी-बड़ी बहीखाता अवश्य जाती थी। बदलाव की बयार के आगे छोटे दुकानदार भी अब कम्प्यूटर पर हिसाब रखने से बहीखाता खरीदने में रूचि नहीं लेते। बहीखाता विक्रेता मनोहर राज व आकाश राज ने बताया कि पहले दीपावली पर खरीदार अधिक होने से बहीखाता कम पड़ जाती थी, अब मुश्किल से 8-10 बिक पाती हैं।
जल्दी होता है काम
व्यापारियों के अनुसार कम्प्यूटर पर बहीखाता का काम मिनटों में हो जाता हैं। कम्प्यूटर में केशबुक, बैलेंशसीट, जोड़, घटना व रोकड़ मिलाने के सभी ऑप्शन हैं। ऐसे में अलग से केल्युलेटर की भी जरूरत नहीं पड़ती। शारीरिक श्रम भी ज्यादा नहीं लगता। माथापच्ची से भी निजात मिल जाती हैं। पंसारी से लेकर सर्राफा व्यावसायी तक हिसाब-किताब, लेने-देने का खाता कम्प्यूटर में बनाने लगे हैं। ऐसे में बहीखाता से कौन सिर खपाए। बहीखाता विक्रेता बताते है कि साल दर साल खाते-बहियों की मांग भले ही कम हो रही है, लेकिन धार्मिक महत्व अभी बरकरार हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो