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बस्सी

इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स संवार रहे देश का भविष्य

गांवों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का बीड़ा इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने उठाया है। शहर के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज सहित आईआईटी जोधपुर में अध्ययनरत छात्र इन दिनों ढाणियों में संचालित सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं।

बस्सीAug 18, 2016 / 01:27 am

Harshwardhan bhati

Engineering students are teaching children of remo

Engineering students are teaching children of remote villages

 दूर-दराज की ढाणियों और गांवों में संचालित स्कूलों में सरकारी शिक्षक भी नौकरी करने से कतराते हैं। शिक्षकों के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों का भविष्य अंधकारमय रहता है। ऐसे में गांवों के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का बीड़ा इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने उठाया है।
जोधपुर के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज सहित आईआईटी जोधपुर में अध्ययनरत छात्र इन दिनों ढाणियों में संचालित सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। ये इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स विशेषकर उन सरकारी स्कूलों में जा रहे हैं, जहां के बच्चों को गणित, अंग्रेजी और विज्ञान की बेहतर शिक्षा नहीं मिल पाती।
अब इन छात्रों के प्रयास से जिले के 10 ग्रामीण स्कूलों में बच्चे जटिल विषयों में पारंगत होने के साथ ही इंटरनेट और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहे हैं।

तीन संस्थाओं के छात्रों का प्रयास
सरकारी स्कूल के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का फैसला राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा, एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज और आईआईटी जोधपुर में प्रथम वर्ष में अध्ययनरत छात्रों ने मिलकर उठाया है। ये छात्र इनडीड फाउंडेशन के माध्यम से स्वयंसेवी के रूप में सरकारी स्कूलों में अपना समय दे रहे हैं।
इनमें एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से कोमल सिंह चौहान, प्रदीप किलका, करण सिंह शेखावत, करनी शरण रतनू, कुलदीप भाकल, हाकम सिंह, दिनेश फरान, जीतेन्द्र छबरवाल, मुकेश भाम्बू, बलराम किलका, हर्ष ताम्बोली, राहुल डूडी, कमलेश सियोल, कमलेश करोल, कांतिलाल जांगिड़, कलाराम देवासी, कार्तिक मोयल, लोकेश सुथार एवं आईआईटी जोधपुर से विकास कुमार, चंदना दर्पनेनी, अच्युत जोशी, अरविन्द सैनी, दीपांशू, अक्षत श्रीवास्तव सक्रिय स्वयंसेवी के रूप में सेवा दे रहे हैं।
जोधपुर व पाली जिले के बच्चे लाभान्वित

गरीब बच्चों की शिक्षा के इस सामाजिक सरोकार से जुड़े संस्थान के विक्रम राजोला व अविनाश माथुर ने बताया कि इन इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के इस प्रयास से जोधपुर ही नहीं बल्कि पाली जिले के बच्चे भी लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें जोधपुर के राउमावि राजोला कलां, राउमावि चोपड़ा, राउमावि भटिंडा, राउमावि महलों की ढाणी, रामावि काकेलाव, राउमावि फिटकासनी, रामावि गल्र्स भटिंडा, राउमावि लोलावास, राउमावि हरियाड़ा, रामावि हुंणगांव में ये स्टूडेंट्स प्रतिदिन इन बच्चों को शिक्षा देने जा रहे हैं।
कॉलेज समय के बाद पढ़ाते हैं बच्चों को

एमबीएम कॉलेज के माइनिंग ब्रांच में अध्ययनरत छात्र कमलेश सियोल ने बताया कि वे दोपहर 2 बजे के बाद कॉलेज समय के बाद इन स्कूलों में जाते हैं और प्रतिदिन 2 से 3 घंटे इन बच्चों की शिक्षा के लिए निकालते हैं। उन्होंने बताया कि वे खुद चौखा गांव के एक स्कूल में 9वीं एवं 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों को गणित पढ़ाते हैं।

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