
एनओसी में वन विभाग का अडंगा
चन्दवाजी. सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं वन विभाग की आपसी खींचतान के चलते कंवरपुरा-अरणियां मार्ग बदहाल है। मार्ग पर बिखरी रोडिय़ों में राहगीर एवं दुपहिया वाहन चालक ठोकरें खा रहे हैं, लेकिन दोनों ही विभाग अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। बदहाल हुए कंवरपुरा-अरणियां मार्ग की मरम्मत की मांग को लेकर कंवरपुरा सरपंच बसंत शर्मा एवं ग्रामीणों ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को अवगत कराया। केंद्रीय मंत्री की अनुशंसा पर सानिवि ने करीब छह किलोमीटर लंबी सड़क के लिए 4.27 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए। सानिवि ने गत 24 फरवरी को केेंद्रीय मंत्री राठौड़ व भाजपा नेता डॉ. सतीश पूनिया के हाथों शिलान्यास भी करा लिया। शिलान्यास के दूसरे दिन ही सानिवि अधिकारियों ने पुरानी सड़क को उखड़वाकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया, लेकिन निर्माण कार्य वन क्षेत्र में होने के कारण वन विभाग अधिकारियों ने कार्य रुकवा दिया। इसके बाद करीब आठ माह से कार्य बंद पड़ा है। सड़क उखडऩे से डस्ट व रोडिय़ां परेशानी का सबब बनी हुई हैं।
ढाई किमी. सड़क वन विभाग सीमा में
चंदवाजी के सालड़वास से अरणियां तक करीब ढाई किमी. लंबी सड़क वन विभाग की जमीन में होकर होकर गुजरती है। इस मार्ग पर पहले से सड़क बनी हुई थी, लेकिन चौड़ाईकरण करने के लिए सानिवि ने पुरानी सड़क उखाड़ दी। जब वन विभाग डीएफओ व अन्य अधिकारियों को निर्माण का पता चला तो उन्होंने कार्य रुकवा दिया।
आपसी खींचतान का खामियाजा भुगत रहे लोग
कंवरपुरा-अरणियां सड़क निर्माण कार्य को लेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं वन विभाग अधिकारियों में खींचतान का खामियाजा आमजन को भुगतान पड़ रहा है। दुपहिया वाहन चालक रोडिय़ों में फिसलकर चोटिल हो रहे हैं तो चौपहिया वाहन भी आए दिन पंक्चर हो रहे हैं। वहीं पैदल चलने वाले राहगीरों को भी परेशानी उठापी पड़ रही है। कंवरपुरा सरपंच बसंत शर्मा, पंसस भागीरथ मान ने कई बार अधिकारियों से जानकारी मांगी, लेकिन संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जा रहा। इससे लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि सानिवि को वन विभाग से अनुमति लेकर ही कार्य शुरू करना चाहिए था। अधिकारियों ने जल्दबाजी दिखाते हुए पुरानी सड़क भी उखाड़ दी और अब नई भी नहीं बना रहे। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को भी इस समस्या का समाधान कराना चाहिए।
इनका कहना है...
निर्माण कार्य को वन विभाग ने अटका रखा है। करीब ढाई किलोमीटर से अधिक सड़क वन क्षेत्र से गुजर रही है। निर्माण के लिए एनओसी की फाइल लगा रखी है, लेकिन अनुमति नहीं दी जा रही। फाइल लगाना ही गलत हो गया।
जीजी गोयल, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, आमेर
वन विभाग के एफसीआई एक्ट के तहत प्रस्ताव बनाकर फाइल भेजनी होती है। जिसकी स्वीकृति के बाद परमिशन लेकर ही निर्माण किया जा सकता है। एक्ट के तहत वर्ष 1980 से पूर्व बनी सड़क का सर्टिफिकेट देना जरूरी है। एक हैक्टेयर से कम क्षेत्र होने के कारण अब तक स्वीकृति भी आ जाती, लेकिन सानिवि तीन माह से सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं करा रहा। कागजात देते ही नियमानुसार परमिशन दे दी जाएगी।
योगेंद्र कालवी, डीएफओ, जयपुर
Published on:
03 Nov 2018 10:46 pm
बड़ी खबरें
View Allबस्सी
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
