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जिस सरकारी स्कूल में बच्चों की चहल-पहल रहती थी, वह भवन आज वीरान सा हो गया

विराटनगर ब्लॉक के रामसिंहपुरा स्कूल का मामला

बस्सीFeb 11, 2020 / 03:20 pm

Satya

जिस सरकारी स्कूल में बच्चों की चहल-पहल रहती थी, वह भवन आज वीरान सा हो गया

जिस सरकारी स्कूल में बच्चों की चहल-पहल रहती थी, वह भवन आज वीरान सा हो गया


शाहपुरा/मैड़।
जिस सरकारी स्कूल भवन में तीन साल पहले तक बच्चों की चहल-पहल रहती थी, वह स्कूल भवन आज वीरान सा नजर आता है। यह मामला विराटनगर ब्लॉक के रमासिंहपुरा गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। दरअसल सरकार की ओर से इस विद्यालय को मर्ज तो कर दिया, लेकिन खाली हुए स्कूल भवन की देखरेख नहीं होने से दुर्दशा हो रही है।
ऐसे हालात जयपुर जिले में कई जगह है। खाली भवन न तो कोई काम आ रहे और न ही उनकी सार संभाल हो रही। विराटनगर ब्लॉक में मर्ज होने के बाद खाली पड़े रामसिंहपुरा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन की सार संभाल नहीं होने से समाजकंटक भवन के खिड़की, दरवाजे व जंगले तक उखाड़ ले गए।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग ने रामसिंहपुरा गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय को गत 2 किलोमीटर दूर बरवाड़ा के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में मर्ज किया था। तब से विद्यालय भवन खाली पड़ा है। विभाग की अनदेखी से उक्त भवन दुर्दशा का शिकार है।
विभाग की अनदेखी से लोग विद्यालय परिसर में उगे कई बबूल के पेड़ काट ले गए। वहीं, समाजकंटकों ने भवन के जंगले, खिड़की व दरवाजे तोड़ दिए और कुछ को उखाड़ ले गए। इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से लाखों की लागत से बना विद्यालय भवन बेकार पड़ा है। या तो भवन को भवनविहीन अन्य किसी विभाग को दे दिया जाए या फिर दुबारा से यहां विद्यालय का संचालन हो तो भवन की सार संभाल हो सकती है।

दो किमी दूर जाना पड़ता है पढऩे

बाल आश्रम कार्यकर्ता एवं जिला कांग्रेस सेवा दल के ब्लॉक उपाध्यक्ष धोलाराम पोसवाल ने बताया कि गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय को गत भाजपा सरकार के कार्यकाल में दो किमी दूर बरवाड़ा के राजकीय विद्यालय में मर्ज किया गया था।
विद्यालय मर्ज करने से रामसिंहपुरा के करीब सवा सौ विद्यार्थियों को दो किलोमीटर दूर पढऩे जाना पड़ता है। इससे परेशानी बढ़ गई है। कई विद्यार्थियों ने निजी स्कूलों में प्रवेश ले लिया।

पेड़ों की हो रही अवैध कटाई, सरकारी सम्पत्ति को नुकसान
ग्रामीणों ने बताया कि मर्ज करने के बाद खाली पड़े स्कूल भवन की विभाग ने सुध नहीं ली। ऐसे में यहां परिसर में उगे बबूल के पेड़ों की अवैध कटाई हो रही है। वहीं, लोग विद्यालय के जाली, जंगलों, खिड़कियां व दरवाजों को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया।
कुछ सामानों को उखाड़ ले गए। कुछ साल पहले तक बच्चों से आबाद रहने वाला विद्यालय वर्तमान में वीरान सा नजर आता है। यहां बने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी जर्जर कर दिया गया और पेयजल टंकी के ऊपर रखे पत्थर के कातले भी चुरा ले गए। इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।

शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा लेकिन फिर से शुरू नहीं हुआ विद्यालय


गांव के युवा मंडल व बाल पंचायत के बच्चों ने गांव के विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए मर्ज किए गए विद्यालय को वापस से गांव में ही संचालित करने की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव को पोस्टकार्ड पत्र लिखे थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीण राजेंद्र कुमार गुर्जर, रामकिशन, देवकरण भड़ाना, हरफूल ,विक्रम सहित कई ग्रामीणों ने सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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