
ग्रीन मैन विजय पाल ने 10 लाख से अधिक पेड़ कटने से बचाए और अनगिनत पेड़ लगाए
शाहपुरा।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के कहने पर खुद को हरे रंग में रंगने वाले गाजियाबाद के ग्रीन मैन विजय पाल बघेल की बात ही निराली है। पर्यावरण प्रेमी बघेल को हरियाली से इतना लगाव है कि उनके तन के कपड़ों से लेकर पैन, डायरी सहित हर चीज हरे रंग की है। हरा रंग उनकी पहचान बन चुका है।
बघेल अब तक करीब 10 लाख से अधिक पेड़ कटने से बचा चुके और अनगिनत पेड़ लगा चुके हैं। इसके लिए उनको राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है।
ग्रीन मैन विजयपाल बघेल का शनिवार को शाहपुरा आगमन पर क्षेत्र के विभिन्न संगठनों के लोगों ने जोरदार सम्मान किया। ग्रीन मैन बघेल दिल्ली से जयपुर जाते समय कुछ समय शाहपुरा में ठहरे थे। इस दौरान उनका अभिनंदन किया गया। इस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में की जा रही गतिविधियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया।
इस अवसर पर हरित क्रांति के ऋषि बघेल ने अपने कार्य क्षेत्र के बारे में बताया कि तीन वर्ष पूर्व हरित कोरिडोर की मांग को लेकर उन्होंने भारतवर्ष की 1600 किलोमीटर की पदयात्रा की थी। जिसके परिणाम स्वरूप केंद्र सरकार ने उसकी स्वीकृति दे दी है। इसी प्रकार संपूर्ण देश भर में 9 अरण्य क्षेत्रों का विकास करने की योजना के प्रोजेक्ट पर भी प्रधानमंत्री द्वारा उनको पूर्ण करने के लिए स्वीकृति दे दी है। जिससे भावी पीढ़ी को संस्कृति से रूबरू होने का अवसर प्राप्त होगा।
यमुना जल लाने को लेकर मुआयना कर रोड मैप करेंगे तैयार
भारतीय किसान संघ व शाहपुरा के लोगों ने ग्रीन मैन बघेल से यमुना का जल लाने के लिए भी मुहिम शुरू करने की मांग की। जिस पर बघेल ने इस योजना को पूर्ण कराने के लिए साथ जुडक़र संबंधित जगह का मौका मुआयना कर रोड मैप तैयार करने का आश्वासन दिया और कहा कि संबंधित विभाग व जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के समक्ष इसका प्रेजेंटेशन भी रखेंगे।
इस जन कल्याणकारी योजना से आसपास के बड़े क्षेत्र को लाभ मिलेगा एवं बंजर भूमि उपजाऊ हो जाएगी। इस बहुत बड़े प्रोजेक्ट को लेकर के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने काफी उत्सुकता दिखाई एवं केंद्र सरकार से अपनी कोर कमेटी के माध्यम से विषय रखने का तय किया।
10 लाख से अधिक पेड़ बचा चुके हैं बघेल
ग्रीन मैन विजय पाल बघेल का कहना है कि वे अब तक करीब 10 लाख से अधिक पेड़ कटने से बचा चुके हैं। इसके साथ ही वे देशभर में अनगिनत पेड़ लगा भी चुके हैं। वे 45 वर्ष से प्रतिदिन एक पेड़ जरूर लगाते हैं। उनके सानिध्य में अब तक करीब सवा करोड़ लगाए जा चुके हैं।
यूनेस्को के बुलावे पर वे वर्ष 2000 में अमरीका में पर्यावरण संरक्षण के एक कार्यक्रम में गए, जहां अमरीका के तत्कालीन उपराष्ट्रपति अल गोर ने उनको क्लाइमेट लीडर्स में शामिल कर ग्रीन मैन ऑफ इंडिया की उपाधि से नवाजा था।
दादा की बात ने बनाया ग्रीनमैन
बघेल बताते हैं कि जब वे छोटे थे तो कुछ लोग उनके गांव में गूलर का पेड़ काट रहे थे। उस पेड़ से पानी टपक रहा था। जब उन्होंने अपने दादा से इस बारे में पूछा तो उन्होंने चोट लगने से पेड़ के रोने की बात कही। इस बात का बघेल पर इतना गहररा असर पड़ा कि रोते हुए उस पेड़ से लिपट गए और उस पेड़ को तब तक नहीं छोड़ा, जब तक उस पेड़ को काटने वाले लोग वहां से चले नहीं गए।
इसके बाद से उनका पेड़ काटने से रोकने और नए पौधे लगाने का सिलसिला चल पड़ा, जो अनवरत जारी है। उन्होंने ऑपरेशन ग्रीन, ग्लोबल ग्रीन मिशन, मेरा पेड़, मेरी शान सहित कई अभियान व आंदोलन चलाए है।
शाहपुरा में लोगों ने किया अभिनंदन
शाहपुरा में विश्व हिंदू परिषद, जय श्री राम सेवा समिति, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, विघ्नहर्ता फाउंडेशन, यमुना जल मिशन योजना, किसान संघ एवं राष्ट्रीय शिक्षक संघ सहित कई संगठनों के कार्यकर्ताओं और कस्बे के गणमान्य लोगों ने ग्रीनमैन का अभिनंदन किया।
इस मौके पर संघ कार्यकर्ता कैलाश शर्मा, रामस्वरूप रावतसरे, केदारमल टांक, लक्ष्मण पूनिया, परमानंद पलसानिया, फूलचंद बड़बड़वाल, रमेश कुमावत, महावीर प्रजापति, महेश ढिलान, रूपेश कौशिक, अक्षय शर्मा, धर्मपाल यादव सहित बडी संख्या में कार्यकर्ताओं ने यमुना जल लाने की मुहिम में सहभागी बनने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का संचालन संघ कार्यकर्ता कैलाश शर्मा ने किया।
Published on:
04 Dec 2021 09:55 pm
बड़ी खबरें
View Allबस्सी
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
