गर्मी के मौसम में अधिक परेशानी सर्दी के मौसम में तो एक दो दिन तक पुलिस बर्फ के सहारे शव को सुरक्षित रख लेती हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में एक दिन बाद ही शव से तेज दुर्गन्ध शुरू हो जाती है। कोटपूतली पनियाला व प्रागपुरा थाना क्षेत्र में प्रतिमाह औसतन तीन से चार मामले ऐसे आते हैं, जिसमें एक दो दिन बाद शिनाख्त हो जाती है। कई ऐसे भी होते है जिनकी चार पांच दिन तक भी शिनाख्त नहीं होती है। ऐसे शवों का बाद में मानव कल्याण सेवा समिति की ओर से अन्तिम संस्कार किया जाता है।
97 लावारिस शवों का अन्तिम संस्कार मानव कल्याण सेवा समिति अपने खर्चे पर पिछले 13 साल से लावारिश शवों के अन्तिम संस्कार में जुटी हुई है। समिति कोटपूतली, पनियाला व प्रगापुरा थाना क्षेत्र में अब तक मिले 97 लावारिस शवों का अन्तिम संस्कार कर चुकी है। कई दिन पुराने सड़े गले और क्षत विक्षत शवों के संस्कार में अधिक परेशानी होती है।
अज्ञात शवों की स्थिति वर्ष अज्ञात शव 2 दिन बाद शिनाख्त 1 दिन बाद शिनाख्त 2015 02 04 07
2016 05 03 06
2017 04 03 04
2018 06 02 04 सात लाख रुपए स्वीकृत
दो साल पहले बीडीएम अस्पताल की मोर्चरी के नवीनीकरण व परिजनों के बैठने की व्यवस्था करने के लिए 15 लाख व दो डीप-फ्रीजर खरीदने के लिए सात लाख का बजट स्वीकृत हुआ था। चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने नवीनीकरण के लिए 15 लाख रुपए के कार्यों की प्रशासनिक व वित्तिय स्वीकृत जारी कर दी। इसके बाद मोर्चरी के भवन का नवीनीकरण का कार्य पूरा हो गया। विभाग ने डीप फ्रीजर खरीदने के लिए सात लाख रुपए आरएमएनएचसी को स्थानांतरित किए थे। वहां से अस्पताल को डीप फ्रीजर उपलब्ध हो गया, लेकिन अभी पैकिंग भी खोली नहीं
(Overlooked hospital administration) गई है। इससे फ्रिजर का लाभ नहीं मिल रहा। (नि.सं.)
अस्पताल की मोर्चरी में डीप-फ्रीजर के लिए बजट स्वीकृत हुआ था। आरएमएनएचसी से डीप फ्रीजर उपलब्ध हो गया है, लेकिन मोर्चरी का नया भवन प्रस्तावित है। इसका निर्माण शीघ्र शुरू होने वाला है। इसलिए इसे नए भवन में स्थापित किया जाएगा।
डॉ.आर.आर.यादव, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, कोटपूतली अज्ञात शव के तीन से चार दिन पुराना होने पर दुर्गन्ध के चलते अन्तिम संस्कार में परेशानी होती है। समस्या के समाधान के लिए यहां अस्पताल में डीप फ्रिजर होना जरूरी है।
ओमप्रकाश स्वामी, अध्यक्ष, मनाव कल्याण सेवा समिति