23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आचार संहिता हटने से अब मिलेंगे पट्टे, बायपास व फ्लाईओवर निर्माण को मिलेगी रफ्तार

राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता हटने के बाद अब नगर परिषद में पट्टों का वितरण व भूरूपान्तरण के कार्य हो सकेंगे।

2 min read
Google source verification

बस्सी

image

Vinod Sharma

Jun 09, 2024

Flyover works will gain momentum

नीमकाथाना बायपास व पूतली फ्लाईओवर के कार्यों को मिलेगी रफ्तार

राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर लगी आचार संहिता हटने के बाद अब नगर परिषद में पट्टों का वितरण व भूरूपान्तरण के कार्य हो सकेंगे। नीमकाथाना बायपास, पूतली फ्लाईओवर व सीवर लाइन के कार्यों को गति मिलेगी। आचार संहिता लगने से नगर परिषद में नए पट्टे बनाने ओर जो बन चुके उनको वितरित करने का कार्य अटक गया था। आचार संहिता की आड में पट्टों संबंधित कोई कार्य नहीं हुए है। जबकि सरकार ने पट्टों के कई कार्य में छूट प्रदान की थी। सीवरेज लाइन का कार्य भी धीमा पड़ गया था। सीवरेज के चलते शहर में जगह जगह सड़कें खुदी हुई है, लेकिन कार्य की गति धीमी होने से लोगों को परेशानी हो रही है। इसके अलावा कई प्रमुख सड़कों की टैण्डर प्रक्रिया आचार संहिता के कारण अटकी हुई थी। अब इन सड़कों की टैण्डर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नालों का निर्माण भी आचार संहिता के कारण अटक गया था। इसी तरह कई पेयजल योजनाओं पर कार्य शुरू नहीं हो सका था। राज्य सरकार ने मिसिंग लिंक योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सड़कों के निर्माण के लिए 5 करोड़ स्वीकृत किए थे। इन सड़कों के निर्माण की टैण्डर प्रक्रिया अब शुरू होगी।

फ्लाईओवर के निर्माण में आएगी तेजी

राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से पूतली कट पर फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है लेकिन आचार संहिता के दौरान निर्माण की प्रक्रिया धीमी होने से इसका कार्य प्रभावित हो रहा है और फ्लाईओवर के निर्माण में देरी से लोगों को परेशानी हो रही है। इसी तरह से नीमकाथाना बायपास का निर्माण में आचार संहिता के चलते कई तकनीकी परेशानियां आने से कार्य की रफ्तार धीमी हो गई थी। अब आचार संहिता हटने के बाद इन कार्यों में तेजी आने की संभावना है।

सितंबर 2023 से नए विकास कार्य है ठप

प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता अक्टूबर 2023 में लगी थी। करीब ढाई माह आचार संहिता रही। इसके बाद दिसंबर में आचार संहिता हटी। विभागों ने विकास कार्यों के प्रस्ताव तैयार किए, लेकिन इनके टेंडर की प्रक्रिया नहीं हो पाई। इसके बाद मार्च में लोकसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लग गई और फिर से प्रोजेक्ट फाइलों में अटक गए। इस तरह 9 माह में करीब 5 माह तक आचार संहिता ही रही। अब रूके हुए विकास के पहिए को गति मिलने की उम्मीद है।