यह क्षेत्र लंबे समय से अवैध खनन Illegal mining की समस्या से जूझता रहा है। यहां के अलावा इससे जुड़े पाटण क्षेत्र में इमारती पत्थर का अवैध खनन होता है। इस पत्थर से तैयार रोड़ी के सैकड़ों आवेरलोड ट्रक दिल्ली व हरियाणा में भेजे जाते है। इन ट्रकों में क्षमता से कई गुना अधिक माल होता है। mineral royalty recovery इमारती पत्थर के अवैध खनन के चलते ओवरलोडिंग की समस्या भी बढ़ती रही है। ओवरलोडिंग से अब तक कई बेगुनाह लोगों की जान जा चुकी है। सड़कें क्षतिग्रस्त हो रही है। अब तक दोनों विभाग खनन व ओवरलोडिंग की समस्या का निराकरण नहीं ढूंढ पाए है। अब नए साल दोनों विभाग ने मिलकर समस्या के निराकरण के लिए ई-रवन्ना को परिवहन विभाग की वेबसाइट से जोडऩे का निर्णय किया है। वेबसाइट से जुडऩे के बाद विभाग ने ओवरलोड वाहनों पर चालान की कार्रवाई की है।
नए बदलाव के तहत अब वाहन का खाली वजन परिवहन विभाग की वेबसाइट से लिया जाएगा। परिवहन विभाग में पंजीकरण के समय दर्ज वाहन का खाली वेट ही रवन्ना पर अंकित होगा। इसे लेकर खान मालिक अपनी मनमर्जी करते थे। अपनी सुविधानुसार खाली वाहन का वजन रवन्ना पर लिख देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। खाली वजन को लेकर रवन्ना में गड़बड़ी करने पर गाड़ी मालिक के खिलाफ खनन व परिवहन विभाग कार्रवाई कर सकेगा।
ऐसे में मिलेगा ई-रवन्ना…
खनन पट्टे से धर्मकांटे तक खनिज पदार्थ पट्टाधारी या उसके अधिकृत प्रतिनिधि एसएसओ (सिंगल साइन ऑन) आईडी के जरिए विभागीय वेबसाइट से अस्थायी ई-रवन्ना (अनकन्फर्ड) जारी कर वाहन चालक के मोबाइल पर एसएमएस से भेजेगा। यहां पर खनिज पदार्थ की तुलाई के बाद रवन्ना को खान विभाग से अधिकृत तुलाई केन्द्र (धर्मकांटे) पर ई-रवन्ना में देगा। इसमें किसी भी प्रकार से कांट-छांट नहीं हो सकेगी। इसमें समय, खनिज का भार समेत अन्य जानकारियां हाथों-हाथ वेबसाइट ऑनलाइन हो जाएगी।