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बंदरों का आतंक, घरों में कैद हुए अचरोलवासी

महिलाओं एवं बच्चों का छत पर जाना बंद

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बंदरों का आतंक, घरों में कैद हुए अचरोलवासी

अचरोल. कस्बे सहित लबाना, ढंढ, गुनावता, तालामोड़, कालवाड़ तथा आसपास की ढाणियों में बंदरों का उत्पात जारी है। बंदरों के आतंक से हर वर्ग परेशान है। ग्रहिणी, स्कूली बच्चे, दुकानदार एवं किसान हर कोई बंदरों से निजात पाना चाह रहा है, लेकिन प्रशासन व जनप्रतिनिधि समस्या दूर करना तो दूर सुनना तक नहीं चाह रहे। ग्रामीणों ने सरपंच सहित कई जनप्रतिनिधियों से शिकायत कर दी। अधिकारियों को भी ज्ञापन दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गिरिराज अग्रवाल, कुंजबिहारी शर्मा, दिवाकर शर्मा, सरदार मल पिंगोलिया ने बताया कि कस्बे में साठ प्रतिशत से अधिक लोगों ने घरों के बाहर जालियां लगाकर बंद कर लिया है। लगभग हर तीसरे घर में लोगों ने बंदरों से बचने के लिए लोहे की जाली लगवा ली है। इससे मकान की खूबसूरती बिगड़ रही है। साथ ही लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं।

घर बाहर निकलना मुश्किल
महिला सावित्री देवी, कौशल्या देवी, अनिता देवी आदि ने बताया कि बन्दरों के आतंक से हर कोई परेशान है। बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। महिलाओं ने मकानों की छतों पर जाना तक बंद कर दिया है। उत्पाती बंदर बच्चों के हाथों एवं रसोईघर में घुसकर सामान उठा ले जाते हैं। विरोध करने पर हमला कर देते हैं। छतों पर रखी पानी की टंकियों में कूदकर नहाते हैं। गत चार माह में करीब दो सौ लोगों को जख्मी कर अस्पताल पहुंचा चुके हैं।

खेतों में उझल-कूद
बंदरों के आतंक से किसान भी परेशान हैं। बंदर आम, आंवला करूंजा, पपीता आदि फलों के पेड़ों सहित खेतों में लगी लगी सब्जियों और फसल को भी बर्बाद कर देते हैं। फलों को पकने से पहले ही नष्ट कर देते हैं। खेतों में पालक, टमाटर, मिर्च आदि सब्जियों में उछल कूद कर नष्ट कर रहे हैं। लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए ग्रीनहाउस एवं पॉली हाउस को नष्ट कर रहे हैं। अचरोल निवासी चरणदास बुनकर ने बताया कि 3 वर्ष पहले ग्रीन हाउस लगवाकर खीरा, टमाटर सहित अन्य फल सब्जियां उगाई थी, लेकिन बंदरों ने ग्रीनहाउस को जगह-जगह से फाड़ डाला और सब्जियों को बर्बाद कर दिया।
हमलों में घायल

माह घायल
जुलाई 59
अगस्त 68
सितम्बर 44
अक्टूबर 28

इनका कहना है..
बन्दरों को पकड़वाया था, लेकिन फिर संख्या बढ़ गई है। उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।
रामलाल गुर्जर, ग्राम विकास अधिकारी अचरोल

आपने जानकारी दी है। बन्दरों से निश्चित रूप से निजात दिलाई जाएगी। विकास अधिकारी आमेर को इसके लिए निर्देशित किया जाएगा।

हिम्मत सिंह, उपखंड अधिकारी आमेर