घरों की छतो पर सूख रहे कपड़ों को फाड़ का तार-तार कर देते है। बंदरों के हमले से चोटिल हुए गिरिराज नगीना, मनीष मीणा विक्की बंसल ने बताया कि हम दिन में कमरे में सो रहे थे। इस दौरान एक बंदर ने पीछे से आकर काट लिया। काफी मशक्कत के बाद हमको छोड़ा। कस्बे में बंदरों को काटने का क्रम यथावत बना हुआ है।
गत दिनों ग्राम पंचायत प्रशासन ने बंदरों को पकड़वाने का अभियान चलाया था, लेकिन यह अभियान अधूरा रह जाने के कारण वापस बंदरों की कस्बे में तादाद बढ़ गई। इस संबंध में पावटा ग्राम विकास अधिकारी गिरिश कूलवाल का कहना है कि अभी पूरी तरह से चार्ज आ जाता है। चार्ज मिलते ही बंदरों को पकड़वाने का अभियान शुरू किया जाएगा।