आज गांव के बीच बना प्राचीन कुआ लोगों की पुरानी यादों को ताजा कर देता हैं। हीरापुरा गांव में आज भी गुर्जर समाज के सभी लोग दीपावली के दिन एक जगह होकर एक साथ पानी की तलाई पर जाकर अपने पूर्वो को खीर का भोग लगाकर एक-दूसरे के गले मिलकर भाई-चारे की वर्षो पुरानी परम्परा को निभाते चले आ रहे हैं। साथ ही हीरापुरा गांव में पानी की नाड़ी के पास पुरा गुर्जर की प्राचीन छतरी बनी हुई हैं। हीरापुरा गांव में करीबन तीन बीघा भूमि में पानी की तलाई बनी हुई हैं, जिसमें गांव के सभी लोगों के पशु पानी पीते हैं।
हीरापुरा गांव की कुल जनसंख्या 1200 हैं। इस गांव में रघुनाथ मंदिर, देवनारायण मंदिर, रामदेव मंदिर, हनुमान मंदिर, भैरूजी का प्रसिद्ध मंदिर हैं। इन मंदिरों में नवरात्रों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती हैं। साथ ही मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों की धूम मची रहती हैं। हीरापुरा गांव में गुर्जर, खुम्हार, नाई व शर्मा जाति समुदाय के लोगों की जनसंख्या अधिक हैं। हीरापुरा गांव से जयपुर-भीलवाड़ा मेगा हाइवे रेनवाल मांजी की ओर आ रही डामरीकरण सड़क पर आस-पास के कई गांवों के लोगों का आवागमन में वर्षाे से सुविधाएं मिल रही हैं। आज हीरापुरा गांव में चमचमाती सड़कें बनी हुई हैं। साथ ही लोगों के आलीशान मकान बने हुए है। जिनमें लोग सादगी से अपना जीवन यापन कर रहे हैं।