महेन्द्र नाथ यादव ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से की, लेकिन वह चर्चा में उस समय आए जब 2004 में छात्रसंघ अध्यक्ष रहते हुए उन्हें गोली मारी गयी, जिसमें वह गोली लगने के बावजूद बच गए। किसान डिग्री कॉलेज से छात्र राजनीति शुरू करने वाले महेन्द्र 2004 में छात्रसंघ अध्यक्ष बने।
2005 से लगातार 10 साल तक जिला पंचायत सदस्य रहे। 2017 में बस्ती सदर सीट से विधानसभा का टिकट तो मिला, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा सपा के छात्र सभा जिलाध्यक्ष सहित लोहिया वाहिनी के जिलाध्यक्ष पर पर भी रहे। महेन्द्र को टीम अखिलेश का हिस्सा भी कहा जाता है।
By Satish Srivastava