जी हां लोकसभा चुनाव में दंगाईयों से निपटने के लिए प्रदेश भर में पुलिसकर्मियों को तैयार और मजबूत रहने का निर्देश दिया गया है। इसी को देखते हुए बस्ती पुलिस ने मंगलवार को पुलिस लाइन में मॅाकड्रिल का आय़ोजन किया। तकरीबन 100 की संख्या में पहुंचे पुलिस के जवानों के अभ्यास कार्यक्रम का मकसद था लोकसभा चुनाव में दंगाईयों से कैसे निपटा जाए। लेकिन हैरानी की बात रही कि इस अभ्यास में पुलिस वाले फिसड्डी साबित हो गये। किसी जवान को असलहा पकड़ने तक का पता नहीं तो कोई मैगजीन भी लोड न कर सका, कई बंदूकें फायर भी नहीं हुई। सिपाहियों के हाथ से मैगजीन तीन से चार बार नीचे गिर गई। कुछ पुलिसकर्मी किसी तरीके से फायर कर अपनी पीठ थपथपाने में मशगू रहे।
कैसे करेगें जनता की सुरक्षा मीडिया के कैमरे में तस्वीरें कैद हुई तो पुलिस की ये कमजोरी जिले में चर्चा की विषय बन गई। लोगों ने सुरक्षा को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया। शहर के रहने वाले प्रो. संत राम ने कहा कि जिन जवानों से बंदूक तक नहीं थामी जा रही वो जनता की सुरक्षा करने में कैसे सही साबित होंगे।
सीओ सदर ने नहीं दिया जवाब पुलिस मॅाकड्रिल का शर्मसार कर देने वाला ये मामला सामने आने के बाद पत्रिका ने सीओ सदर अलोक सिंह बात करनी चाही तो उन्होने इस पर कोई जवाब देने से इनकरा कर दिया। आलोक ने कहा कि ये आगामी लोकसभा में दंगाईयो से निपटने के लिए पुलिस अभ्यास कर रही थी। हम पूरी मजबूती के साथ दंगाईयों को सबक सिखाने का काम करेंगे।
इन पुलिस वालों के सहारे सीएम कहते हैं कि गुंडे प्रदेश छोड़ कर चले जाएं सवाल तो ये भी है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ आखिर किस पुलिस के जवान के सहारे यूपी में गुंडाराज खत्म करने का दंभ भरते हैं। सरकार में आने के बाद से ही वो लगातार ये बयान देते रहते हैं कि यूपी में गुंडे या तो प्रदेश छोड़कर भाग गये हैं या जेलों में हैं। लेकिन उन्हे भी एक बार पुलिस की इस बहादुरी का आकलन कर इन्हे सुदृढ़ बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए।