scriptअमृतम जलं अभियान—प्रेम सागर तालाब में श्रमदान करने उमडे लोग | amritam jalam campaign---prem saagar talaab me shram daan | Patrika News
ब्यावर

अमृतम जलं अभियान—प्रेम सागर तालाब में श्रमदान करने उमडे लोग

राजस्थान पत्रिका का अमुतम-जलम अभियान : कालिजंर गांव स्थित प्रेमसागर तालाब के पेटे में श्रमदान, विधायक, प्रधान सहित अन्य हुए शामिल

ब्यावरMay 21, 2018 / 04:23 pm

tarun kashyap

प्रेम सागर तालाब में श्रमदान करने उमडे लोग

प्रेम सागर तालाब में श्रमदान करने उमडे लोग

ब्यावर/जवाजा. राजस्थान पत्रिका के अमृतम-जलम् अभियान के तहत रविवार को जवाजा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत राजियावास के राजस्व गांव कालिंजर में करला लिंक रोड स्थित प्रेम सागर तालाब में श्रमदान किया गया। लोगों ने उत्साह से तालाब की खुदाई व साफ-सफाई की। पत्रिका के इस अभियान में विधायक शंकरसिंहर रावत ने उनकी पत्नी कैलीदेवी, प्रधान गायत्री रावत ने उनके पति नरेन्द्रसिंह शाहपुरा, सरपंच रमेश लाल ने उनकी पत्नी, पंचायत समिति सदस्या यशोदा देवी, ग्राम विकास अधिकारी महेन्द्र चौरोटिया, पीटीआई रतनसिंह चौहान समेत सामाजिक संगठनों तथा ग्रामीणों ने बढ चढकर भाग लिया और श्रमदान किया। सभी ने गैंती व फावडे से तालाब के पेटे में खुदाई की। इस दौरान विधायक रावत, प्रधान गायत्री रावत, भाजपा नेता नरेन्द्रसिंह शाहपुरा, पंचायत समिति सदस्या यशोदादेवी, जिला किसान संघ पंचायत अध्यक्ष बाबूसिंह चौहान, प्रेमसिंह, राजूसिंह गौड, लक्ष्मणसिंह, गोविन्दसिंह, कल्याणसिंह, युवराजसिंह, महेन्द्रसिंह, विजयसिंह, बुद्धासिंह, हेमेन्द्रसिंह, नाथूसिंह, मूलसिंह, भंवरसिंह, हरिसिंह समेत सामाजिक संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
जल संग्रहण व पानी के प्रति जागरूकता की ली शपथ
ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने जल संरक्षण, पानी के महत्व के प्रति आमजन को जागरूक करने की शपथ ली। विधायक रावत ने ग्रामीणों को शपथ दिलाई। ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि पेयजल के पारंपरिक स्त्रोतों के संरक्षण में वे अन्य ग्रामीणों को भी जागरूक करेंगे।
‘जीवां लां तो फैर मिला लां, आछा रिज्यो रै’
महिलाओं ने प्रेम सागर तालाब पर श्रमदान के बाद ग्रामीण अंचल में विदाई का पांरपरिक मंगल गीत ‘जीवां लां तो फैर मेला ला, आछा रिज्यो रै…’ गाकर जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों को विदा किया।
इतिहास के पन्नों में ब्रिटिशकालीन लव पौंड, आज का प्रेम सागर
ग्रामीणों ने बताया कि ब्रिटिशकाल में अंग्रेजों ने इस तालाब का निर्माण करवाया गया था, इस तालाब के निर्माण के दौरान यहां किसी प्रकार का कोई वाद-विवाद नही होने और आपसी मेलजोल से शांतिप्रिय तरीके तालाब का निर्माण पूरा होने पर अंग्रेजों ने इसको लव पौंड नाम दिया जो कालांतर में प्रेम सागर के नाम से जाना जाने लगा। इस तालाब की भरवा क्षमता दस फीट है तथा इसका फैलाव क्षेत्र करीब डेढ किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। वर्ष 2012 में अच्छी बरसात होने पर इस तालाब की चादर चली थी।
पंचायत का मॉडल तालाब बनेगा प्रेमसागर तालाब
ग्राम पंचायत स्तर पर प्रेम सागर तालाब को मॉडल तालाब घोषित किया गया है। प्रशासनिक कारणों के चलते तालाब के विकास कार्य शुरू करने में देरी हो रही थी, लेकिन अब पत्रिका की सराहनीय पहले से अब जल्द ही मनरेगा में यहां कार्य करवा कर तालाब का रूप निखारेंगे।
रमेश लाल, सरपंच, ग्राम पंचायत, राजियावास
लोगों में आई जागरुकता
यह पत्रिका का अमृतम-जलम् अभियान ने लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया है। जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है। जल स्रोत की सुध ली जा रही है। पत्रिका की यह पहल वास्तव में सराहनीय है।
शंकरसिंह रावत, विधायक, ब्यावर
नजर आया तालाब का रूप
प्रेम सागर तालाब के पेटे में खुदाई होने तथा झाडियों को काटने से तालाब का रूप नजर आया है। यह पंचायत का मॉडल तालाब है, अब यहां मनरेगा में कार्य शुरू करवाया जाएगा। जल संरक्षण और पानी की बंूद-बंूद बचाने के लिए पत्रिका की पहल सराहनीय है।
गायत्री रावत, प्रधान, पंचायत समिति, जवाजा
संवारेंगे प्रेम सागर को
ग्राम पंचायत स्तर पर प्रेम सागर में मनेरगा से कार्य करवाने को लेकर जल्द कार्य योजना बनाकर कार्य शुरू करवाएंगे। हमने जल का महत्व समझा है और वास्तव में जल है तो कल है। पत्रिका की यह पहल सराहनीय है।
महेन्द्र कुमार चौरोटिया, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत, राजियावास
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो