सर्दी आते ही मोटे अनाज की बढ़ी मांग
कृषि उपज मंडी में बढ़ी आवक
कृषि उपज मंडी में बढ़ी आवक
ब्यावर. कृषि उपज मंडी यार्ड में जिंसों की आवक नियमित रुप से हो रही है। इस बार ज्वार, बाजरा व मक्का की आवक गत साल की अपेक्षा अधिक होने के आसार है। गत साल अप्रेल से दिसमबर माह तक जितनी आवक हुई। लगभग उनके बराबर की आवक सितमबर से 15 दिसमबर तक ही हो गई है। ऐसे में इन जिंसों की आवक का आंकड़ा गत साल की अपेक्षा अधिक हो सकती है। कृषि उपज मंडी ब्यावर का आस-पास मगरा क्षेत्र होने से जिंसों की आवक कम ही होती है। ऐसे में पाली, नागौर व भीलवाड़ा जिले के ब्यावर से सटे क्षेत्र से जिंसों की आवक अधिक रहती है। इस बार ढाई माह में ही मक्का, ज्वार व बाजरा की अच्छी आवक रही है। यह आंकड़ा गत साल के आवक के आंकड़े के करीब पहुंच गया है। ऐसे में इन जिंसों की आवक का आंकड़ा गत साल की अपेक्षा अधिक रहेगा। मंडी यार्ड में अब भी करीब दो सप्ताह और शेष रहा है।
यह हुई अब तक आवक
मंडी यार्ड में ब्यावर के आस-पास सहित अन्य स्थानों से नियमित रुप से जिंसों की आवक हो रही है। इनमें एक सितबर से 15 दिसबर तक अच्छी आवक रही है। इनमे ग्वार की 2014, मक्का की 6 315, ज्वार की 6 177, बाजरा की 6 129, रायड़ा की 26 8 , मूंग की 3913, उड़द की 178 , तारामीरा की 16 0 एवं चना की 351 क्विंटल की आवक हुई है। मंडी यार्ड में आवक नियमित रुप से हो रही है।
गत साल यह हुई थी आवक
गत सल अप्रेल से दिसबर तक ग्वार की 406 10, मूंग की 296 24, उड़द की 1217, रायड़ा की 6 6 8 6 , तारामीरा की 6 015, मक्का की 776 7, बाजरा की 5405, ज्वार की 7746 एवं चना की 9415 क्विंटल की आवक हुई। इस साल ज्वार, बाजरा व मक्का की आवक अच्छी रही है।
ग्वार की खेती में घटी दिलचस्पी
काश्तकारों की ग्वार की खती के प्रति दिलचस्पी कम हुई है। गत कुछ सालों में ग्वार का भाव अच्छा रहने के बाद काश्तकारों को कम भाव मिलने लगा। ऐसे में काश्तकारों का ग्वार की खेती के प्रति रुझान कम हुआ है। कृषि उपज मंडी यार्ड में इस साल सितबर से 15 दिसबर तक 2014 क्विंटल ग्वार की आवक हुई है। जबकि बीते साल अप्रेल से दिसबर तक 40 हजार 6 10 क्विंटल ग्वार की आवक हुई थी। हालांकि पिछले तीन दिन में ग्वार की आवक 343 क्विंटल रही है। 15 दिन में गत साल के आंकड़े से अधिक आंकड़ा बढऩे के आसार कम ही है।