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ब्यावर

यशोदाओं ने दिया “परी” को मां का आंचल

मदर मिल्क बैंक से जारी करवाया गया दूध, नवजात की स्थिति अब बेहतर

ब्यावरMay 29, 2018 / 04:20 pm

tarun kashyap

यशोदाओं ने दिया "परी" को मां का आंचल

यशोदाओं ने दिया “परी” को मां का आंचल

ब्यावर. राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय के मदर चाइल्ड विंग स्थित पालना गृह में रविवार देर रात मिली जिस नवजात (बालिका) को अपनों ने ठुकरा दिया था। उसी नवजात को वहां कार्यरत यशोदाओं से मां का आंचल मिल रहा है। यशोदाएं नवजात की अपने बच्चे की तरह ही दुलार कर रही है। यशोदाओं तथा वहां कार्यरत नर्सिंग स्टाफ ने नवजात को परी नाम दिया है। परी को ड्रॉपर से सुबह यशोदाओं ने दूध पिलाया। परी का सभी दिल से ध्यान रख रहे हैं। इसी कारण चौबीस घंटे से भी कम समय में परी एफबीएनसी के स्टाफ की खास बन गई है। सोमवार सुबह आठ बजे हालांकि अस्पताल में पहली पारी में आने वाले स्टाफ ने ड्यूटी ज्वॉइन कर ली। लेकिन रात का स्टाफ भी काफी देर तक वहीं रुका रहा खास तौर पर यशोदाएं। रविवार रात की ड्यूटी में कार्यरत दोनों यशोदाओं मधु संाखला, लक्ष्मी भाटी व वीणा ने सोमवार को भी उसे दूध पिलाने के साथ ही उसकी देखरेख भी की।
अस्पताल के बाहर लगे पालना गृह में नवजात मिलने की जानकारी लगने पर सोमवार सुबह अस्पताल में राउंड पर आए चिकित्सकों ने भी नवजात की जांच की। नवजात की स्थिति सोमवार को बेहतर दिखी। हालांकि सोमवार सुबह उसको के हलका बुखार था। इसी कारण उसे गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है। चिकित्सकों ने उसे खतरे से बाहर बताया है। प्री-मेचयौर होने के कारण स्टाफ उसकी देखरेख पर अधिक ध्यान दे रहा है। सोमवार सुबह मदर मिल्क बैंक से उसके लिए एक यूनिट दूध भी जारी करवाया गया। सोमवार सुबह यशोदाओं ने ड्रॉप की सहायता से परी को दूध पिलाया। शिशु चिकित्सकों ने बताया कि परी को स्वस्थ होने में अभी दो से तीन दिन का समय लगेगा। यह पूर्ण स्वस्थ्य होने के बाद ही उसे बाहर दूसरी यूनिट में रखा जाएगा। इसके बाद इसे अजमेर स्थित बाल कल्याण विभाग भेजा जाएगा। गौरतलब है कि रविवार रात पालना गृह में नवजात मिला था। प्रसव अस्पताल की बजाए घर पर ही करवाया गया था।
दंपती आए आगे…
पालना गृह में नवजात के मिलने की जानकारी लगने पर सोमवार सुबह नरेन्द्र मोदी विचार मंच के शहर अध्यक्ष प्रमोद शर्मा के साथ एक दंपती ने अस्पताल आकर गोद लेने संबंधित प्रक्रिया की जानकारी ली। दंपती का कहना था कि वह इस मासूम को गोद लेना चाहते हैं। लेकिन नर्सिंग स्टाफ ने यह प्रक्रिया अजमेर से पूरी होने का हवाला देकर उन्हें ोज दिया। गौरतलब है कि गोद लेने की प्रक्रिया के लिए आवेदन पहले जिला प्रशासन की कमेटी के पास करना होता है। वहीं से ऑनलाइन बच्चा दिखाए जाने के बाद स्थानीय प्रशासन दंपती की जांच कर उन्हें बच्चा देते हैं। यहां से बच्चा अजमेर भेजे जाने के बाद गोद दिए जाने की प्रक्रिया वहीं से पूरी होगी।
पुलिस को दी जानकारी…
अस्पताल प्रशासन ने सोमवार सुबह सिटी थाना पुलिस को पालना गृह में नवजात मिलने की जानकारी दी है। पुलिस इस मामले की तदीश कर रही है।

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